पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अमेरिका पर इजराइल से खुलेआम रिश्वत लेने का आरोप लगाया। उन्होंने जियो टीवी को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि पाकिस्तान को रिश्वत लेने के लिए बदनाम किया जाता है। जबकि अमेरिकी ब्यूरोक्रेसी और डिफेंस अधिकारियों को इजराइल की लॉबी खुलेआम फाइनेंस करती है। उन्होंने यह भी कहा कि “अगर मुझे रिश्वत लेनी पड़े, तो वो पीछे के कमरे में चुपचाप ऐसा काम करेंगे।’ उनके इस बयान पर टीवी एंकर ने कहा कि आपका यह बयान वायरल हो जाएगा। इसपर रक्षा मंत्री ने कहा मुझे डर नहीं है। हम अगर खुलेआम रिश्वत लेंगे तो टीवी वाले प्रोग्राम बना देंगे। ख्वाजा आसिफ जिस इजरायली लॉबी की बात कर रहे हैं, उस तरह की लॉबी पर पाकिस्तान भी करोड़ों रुपए खर्च कर रहा है। ट्रम्प प्रशासन के आने के बाद से पाकिस्तान ने साल 2025 के पहले आठ महीनों में ही अमेरिका में कम से कम सात लॉबिंग और कानूनी फर्मों के साथ कॉन्ट्रैक्ट किया है। पाकिस्तान ने जिन लॉबिंग फर्मों को हायर किया है, उनकी प्रोफाइलिंग काफी सावधानी से की गई है। पाकिस्तान ने एक ऐसा नेटवर्क तैयार करने की कोशिश की है, जिसमें कई हाई प्रोफाइल कंसल्टेंसी कंपनियां शामिल हैं, जिनका सीधा संबंध वाइट हाउस से है। रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि इन कंसल्टेंसी कंपनियों में व्हाइट हाउस के मौजूदा से लेकर पूर्व अधिकारी, अंतर्राष्ट्रीय मुकदमा लड़ने वाले अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के वकील और कैपिटल हिल (अमेरिकी संसद) के दिग्गज रणनीतिकार शामिल हैं। अंतरराष्ट्रीय मुद्दों से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… भारत ने कतर पर इजराइली हमले की निंदा की, कहा- ऐसे हमले पूरी दुनिया के लिए खतरा भारत ने कतर पर इजराइली हमले की निंदा की और उसकी संप्रभुता का समर्थन किया। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNSC) में भारतीय प्रतिनिधि अरिंदम बागची ने मंगलवार को कहा कि भारत दोहा पर हुए हमलों से चिंतित है। ऐसे हमले न केवल किसी क्षेत्र, बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरा हैं। बागची ने कहा कि भारत ऐसे मामलों में बातचीत का समर्थन करता है। दुनिया को ऐसे तनाव से बचना चाहिए और सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए। बागची ने बताया कि पीएम मोदी ने हमले के बाद कतर के पीएम शेख तमीम बिन हमद अल-थानी से बात की थी और कहा था कि इन मुद्दों को बातचीत और कूटनीति से सुलझाना चाहिए। इजराइल ने 9 सितंबर को कतर की राजधानी दोहा में हमास के ठिकानों को निशाना बनाया था। इसमें 6 लोग मारे गए थे। इसके बाद मुस्लिम देशों ने आपातकालीन बैठक कर इजराइल के खिलाफ कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। खालिस्तानी आतंकियों ने कनाडा में भारतीय दूतावास पर कब्जा करने की धमकी दी, जासूसी नेटवर्क चलाने का आरोप लगाया अमेरिका स्थित खालिस्तानी समूह, सिख फॉर जस्टिस (SFJ) ने कनाडा के वैंकूवर स्थित कॉन्सुलेट (भारतीय वाणिज्य दूतावास) को घेरने की धमकी दी है। अलगाववादी संगठन ने घोषणा की है कि वह गुरुवार, 18 सितंबर को वाणिज्य दूतावास पर कब्जा कर लेगा। उन्होंने भारतीय-कनाडाई लोगों से परिसर से दूर रहने को कहा है। ये धमकी भारत-कनाडा के बीच राजनयिक संबंध फिर से शुरू होने के कारण दिया गया है। समूह ने भारतीय उच्चायुक्त दिनेश पटनायक की तस्वीर वाला एक पोस्टर भी जारी किया। SFJ ने 18 सितंबर 2023 को कनाडाई संसद में तत्कालीन कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के बयान का हवाला दिया, जब उन्होंने कहा था कि आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की भूमिका की जांच चल रही है। अलगाववादी समूह ने दावा किया कि दो साल बाद भी भारतीय वाणिज्य दूतावास खालिस्तान समर्थकों को निशाना बनाकर जासूसी नेटवर्क चला रही हैं। इस महीने की शुरुआत में, कनाडा सरकार की एक रिपोर्ट में देश में खालिस्तानी आतंकवादी समूहों की मौजूदगी की बात स्वीकार की गई थी। जून में जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कनाडा यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके कनाडाई समकक्ष मार्क कार्नी के बीच सहमति बनने के बाद भारत और कनाडा ने हाल ही में अपने नए उच्चायुक्त की घोषणा की है। दोनों देशों के बीच संबंध 2023 से तनावपूर्ण थे। जिसके बाद दोनों देशों ने अपने डिप्लोमैट को वापस बुला लिया था। ट्रूडो ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों का हाथ होने का आरोप लगाया था। निज्जर की 18 जून, 2023 को एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पाकिस्तान ने मुस्लिम देशों के सामने ‘अरब-इस्लामिक टास्क फोर्स’ बनाने का प्रस्ताव रखा, इजराइली हमलों की निंदा की 40 से अधिक अरब और इस्लामिक देशों के नेताओं ने सोमवार को कतर की राजधानी दोहा में आपातकालीन सम्मेलन बुलाया। इस बैठक का मकसद इजराइल के हालिया हमले, जिसमें हमास नेताओं को निशाना बनाया गया, के खिलाफ एकजुट जवाब देना था। हालांकि, सम्मेलन में इजराइल की निंदा और कुछ अस्पष्ट वादों के अलावा कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। हालांकि, पाकिस्तान ने इस सम्मेलन में ‘अरब-इस्लामिक टास्क फोर्स’ के गठन की वकालत की। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और विदेश मंत्री इशाक डार ने इस प्रस्ताव को सह-प्रायोजित किया। डार ने कहा कि इजराइल को इस्लामिक देशों पर हमला करने और लोगों को मारने की छूट नहीं दी जानी चाहिए। शरीफ ने सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में समर्थन का आश्वासन दिया, क्योंकि पाकिस्तान 2026 तक इसका गैर-स्थायी सदस्य है। नाटो सदस्य तुर्की ने भी इजराइल के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया। राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने इजराइल के हमलों को लालची और खूनखराबा करार देते हुए उस पर आर्थिक दबाव बनाने की बात कही। पाकिस्तान और तुर्की की इस गठबंधन में भागीदारी भारत के लिए चिंता का विषय हो सकती है। पाकिस्तान लंबे समय से कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों, जैसे ओआईसी, पर उठाता रहा है। तुर्की भी कश्मीर पर पाकिस्तान का समर्थन करता रहा है। मई में चार दिन के छोटे युद्ध के दौरान तुर्की ने न केवल पाकिस्तान को हथियार दिए, बल्कि अपने सैन्य कर्मी और तकनीशियन भी भेजे थे। अगर ‘अरब-इस्लामिक नाटो’ बनता है, जिसमें एक सदस्य पर हमला सभी पर हमला माना जाए, तो यह भारत के लिए तनाव बढ़ा सकता है। अंतरराष्ट्रीय मुद्दों से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… फैमिली बिजनेस के सवाल पर भड़के ट्रम्प, ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार से कहा- अपने देश नुकसान पहुंचा रहे हो, तुम्हारे PM मुझसे मिलने आने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार के संपत्ति को लेकर किए गए सवाल पर गुस्सा हो गए। ऑस्ट्रेलियाई ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (एबीसी) के पत्रकार लायंस ने ट्रम्प से पूछा था कि जनवरी में व्हाइट हाउस में वापसी के बाद उनकी पारिवारिक संपत्ति कितनी बढ़ी है। इस सवाल पर ट्रम्प ने जवाब दिया, ‘मुझे नहीं पता। इसके बाद पत्रकार ने पूछा- पत्रकार: क्या पद पर रहते हुए राष्ट्रपति को बिजनेस में शामिल होना चाहिए? ट्रम्प: मैं नहीं मेरे बच्चे बिजनेस संभालते हैं। वैसे तुम कहां से हो? पत्रकार: ऑस्ट्रेलिया से। ट्रम्प: तुम इस समय ऑस्ट्रेलिया को बहुत नुकसान पहुंचा रहे हो। तुम्हारे पीएम मुझसे मिलने आने वाले हैं, मैं उनको तुम्हारे बारे में बताऊंगा। जब लायंस ने एक और सवाल पूछने की कोशिश की, तो ट्रम्प ने उन्हें चुप रहने को कहा और दूसरे पत्रकार से बात करने चले गए। हाल के महीनों में, अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं, जब से ट्रम्प प्रशासन ने ऑकस (AUKUS) की समीक्षा की घोषणा की है , जो अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के बीच £176 बिलियन (20 लाख करोड़ रुपए) का एक प्रमुख पनडुब्बी सौदा है, जिस पर 2021 में हस्ताक्षर किए गए थे। इसके अलावा, अप्रैल में ऑस्ट्रेलिया के सभी निर्यातों पर अमेरिका ने 10% का टैरिफ लगाया था, जिसे अल्बनीज ने बुरा बताया था। एबीसी न्यूज ने बताया कि ये सवाल उनके फोर कॉर्नर्स कार्यक्रम के लिए ट्रम्प के व्यवसायिक गतिविधियों की जांच का हिस्सा थे। इस घटना के बाद, व्हाइट हाउस के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट में ट्रम्प की प्रतिक्रिया को साझा करते हुए लिखा गया, ‘ट्रम्प ने एक असभ्य विदेशी फर्जी समाचार को करारा जवाब दिया।’ भारत ने बेलारूस-रूस युद्ध अभ्यास में हिस्सा लिया, 333 जेट और पनडुब्बियों सहित 247 जहाज शामिल हुए भारत ने रूस और बेलारूस के संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘जापद-2025’ में हिस्सा लिया है। रूसी समाचार एजेंसी TASS के मुताबिक यह अभ्यास पांच दिनों तक चला, जिसमें 1 लाख सैनिकों ने हिस्सा लिया। यह अभ्यास दोनों देशों के 41 ट्रेनिंग सेंटर पर हुआ, इसमें 333 जेट और पनडुब्बियों सहित 247 नौसैनिक जहाज शामिल थे। यह अभ्यास रूस के नाटो देशों के साथ बढ़ते तनाव के बीच हुआ, हाल ही में पोलैंड में रूसी ड्रोन गिराए गए थे। भारतीय रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की कि 65 भारतीय सैनिक इस अभ्यास में शामिल हुए। इसका मकसद रूस के साथ सहयोग और आपसी विश्वास को मजबूत करना था। भारत के अलावा ईरान, बांग्लादेश, बुर्किना फासो, कांगो और माली के सैनिक भी इस अभ्यास में शामिल हुए। अमेरिकी सैन्य अधिकारियों ने इस अभ्यास पर नजर बनाए रखी। अमेरिका रूस को यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए मनाने की कोशिश कर रहा है और बेलारूस के साथ बेहतर रिश्ते चाहता है।