कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूसॉम ने एक नए कानून पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत पुलिस और फेडरल इमिग्रेशन एजेंट्स को काम के दौरान चेहरा ढंकने की मनाही होगी। ये फैसला इसलिए लिया गया है , ताकि क्रिमिनल्स पुलिस का गेटअप लेकर लोगों को परेशान नहीं कर पाए। यह कानून लॉस एंजिल्स में हाल की छापेमारी के जवाब में लाया गया, जहां मास्क पहने एजेंट्स ने कई लोगों को पकड़ा था। इससे वहां विरोध प्रदर्शन हुए और राष्ट्रपति ट्रम्प ने नेशनल गार्ड को भेजा। न्यूसॉम ने कहा कि कैलिफोर्निया में 27% लोग विदेशी मूल के हैं, और यह विविधता राज्य की ताकत है। उन्होंने मास्क पहने एजेंट्स का लोगों को पकड़ने को गलत बताया। लेकिन यह साफ नहीं है कि यह कानून फेडरल एजेंट्स पर कैसे लागू होगा। ट्रम्प प्रशासन का कहना है कि मास्क एजेंट्स की सुरक्षा के लिए जरूरी हैं, क्योंकि उन्हें उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। अभियोजक बिल एस्सायली ने कहा कि यह कानून फेडरल एजेंट्स पर लागू नहीं होगा। होमलैंड सिक्योरिटी की अधिकारी ट्रिशिया मैक्लॉघलिन ने इसे एजेंट्स के लिए खतरनाक बताया। न्यूसॉम ने कहा कि उत्पीड़न के दावों का कोई सबूत नहीं है। कानून में क्या है? न्यूसॉम ने कहा- यह कानून लोगों का पुलिस पर भरोसा बढ़ाने और अपराधियों द्वारा पुलिस की नकल रोकने के लिए है। कानून विशेषज्ञों ने इसका समर्थन किया है। अंतरराष्ट्रीय मामलों से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… अमेरिका के न्यू हैम्पशायर में गोलीबारी, 1 की मौत; हमलावर ने ‘फ्री फिलिस्तीन’ के नारे लगाए अमेरिका के न्यू हैम्पशायर में नैशुआ के स्काई मीडो कंट्री क्लब में शनिवार को एक हमलावर ने गोलीबारी की, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। संदिग्ध को में लिया गया। पुलिस ने कहा कि अब कोई खतरा नहीं है। अधिकारियों ने बताया कि हमलावर का मकसद अभी साफ नहीं है। घायलों की स्थिति के बारे में तुरंत कोई जानकारी नहीं मिली। प्रत्यक्षदर्शी टॉम बार्टेलसन ने बताया कि उनके भतीजे की शादी के दौरान अचानक गोलीबारी शुरू हो गई। उन्होंने कहा कि हमलावर ने ‘फ्री फिलिस्तीन’ के नारे लगाए, ऐसा लग रहा था कि वह किसी खास व्यक्ति को निशाना बना रहा था। एक अन्य व्यक्ति, एमिली अर्न्स्ट ने बताया कि उन्होंने एक काले कपड़े पहने और मास्क लगाए बंदूकधारी को देखा, जिसके बाद वे अपनी जान बचाने के लिए भागे। नैशुआ के मेयर जिम डोनचेस ने कहा कि पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और दोषी को सजा दिलाएगी। उन्होंने कहा कि यह घटना हर समुदाय के लिए एक चेतावनी है कि ऐसी घटनाएं कहीं भी हो सकती हैं। नैशुआ, बोस्टन से लगभग 70 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में, मैसाचुसेट्स सीमा के पास स्थित है। नीदरलैंड में शरणार्थियों के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन, पुलिस ने आंसू गैस और वाटर कैनन छोड़ा, 30 गिरफ्तार शनिवार को नीदरलैंड के द हेग में हजारों लोगों ने शनिवार को इमिग्रेशन पॉलिसी और बढ़ती शरणार्थियों की संख्या के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। स्थानीय सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि 30 लोगों को गिरफ्तार किया गया और दो पुलिसकर्मी घायल हुए। पुलिस ने और गिरफ्तारियां होने की संभावना जताई है। यह प्रदर्शन 29 अक्टूबर को होने वाले राष्ट्रीय चुनाव से ठीक एक महीने पहले हुआ। इस साल नीदरलैंड में कुल 44,055 शरणार्थी और उनके परिवार के सदस्य आए। 2024 में, सीरिया से 44% शरणार्थी आए, जबकि इराक, तुर्की, इरिट्रिया, और यमन से लगभग 5% शरणार्थी आए। प्रदर्शनकारियों ने, जिनमें से कई डच झंडे और दक्षिणपंथी समूहों के झंडे लहरा रहे थे, पुलिस के साथ हिंसक झड़प की। उन्होंने पत्थर और बोतलें फेंकी। एक पुलिस गाड़ी को आग के हवाले कर दिया गया और कुछ प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन स्थल के पास एक हाईवे को कुछ देर के लिए बंद कर दिया। स्थानीय मीडिया के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने सेंटर-लेफ्ट डट पार्टी के मुख्यालय की कई खिड़कियां भी तोड़ दीं। डट के नेता रॉब जेटेन ने एक्स पर लिखा, “गुंडे। तुम राजनीतिक दलों पर हाथ नहीं डाल सकते। अगर तुम्हें लगता है कि तुम हमें डरा सकते हो, तो तुम गलत हो। हम कभी भी चरमपंथी दंगाइयों को हमारा देश छीनने नहीं देंगे।”
वर्ल्ड अपडेट्स:कैलिफोर्निया में पुलिस और इमिग्रेशन अधिकारियों के लिए मास्क पहनने पर बैन, क्रिमिनल को रोकने के लिए फैसला
