लखनऊ में महिला का हाई वोल्टेज ड्रामा, VIDEO:चौराहे पर दरोगा का कॉलर पकड़ा; हाथ उठाया, गालियां दीं

लखनऊ में महिला का हाई वोल्टेज ड्रामा, VIDEO:चौराहे पर दरोगा का कॉलर पकड़ा; हाथ उठाया, गालियां दीं
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लखनऊ में एक महिला ने बीच सड़क हाई वोल्टेज ड्रामा किया। पहले एक महिला से हाथापाई की। बीच-बचाव करने आए ट्रैफिक दरोगा पर भी हाथ उठाया। उसका कॉलर पकड़कर गालियां दीं। इससे अफरा-तफरी का माहौल हो गया। घटना का वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने आरोपी महिला के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है। घटना शनिवार दोपहर निशातगंज चौराहे पर गुड बेकरी के सामने हुई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि महिला काफी देर से चौराहे पर बवाल कर रही थी। उसने कई लोगों से हाथापाई की। इस दौरान ट्रैफिक पुलिसकर्मी उसको शांत करवाने पहुंचे, तो महिला गुस्से में उनसे भी भिड़ गई। 2 तस्वीरें देखिए… सड़क पर 2 महिलाओं के बीच हुई लड़ाई
पुलिसकर्मियों ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन महिला लगातार आक्रामक बनी रही। इसी दौरान एक अन्य महिला भी मौके पर पहुंची, जिससे दोनों के बीच हाथापाई शुरू हो गई। करीब 30 मिनट तक चले इस हाई वोल्टेज ड्रामे के चलते निशातगंज चौराहे पर लंबा जाम लग गया। पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद दोनों महिलाओं को अलग किया। महानगर थाने में पूरे मामले की जांच की जा रही है। पुलिस का कहना है कि महिला मानसिक तौर पर बीमार है। उसके परिजनों से बात करने की कोशिश की जा रही है। महिला बोली- मुझको कैंसर है
पुलिस ने बताया- महिला खुद को कैंसर पीड़ित बताते हुए चौराहे पर बवाल कर रही थी। लैंग्वेज से उत्तर प्रदेश की नहीं किसी दूसरे राज्य की लग रही थी। मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। पुलिस ने महिला को हिरासत में लिया। महानगर स्थित भाऊराव देवरस अस्पताल लेकर गए, जहां उसका मेडिकल कराया गया। मेडिकल के बाद महिला को नारी निकेतन भेज दिया गया है। पुलिस ने बताया- महिला के पास कोई फोटो ID नहीं मिली। हिन्दी भी नहीं बोल पा रही थी। इसलिए परिजनों की भी स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई। आस-पास के लोगों ने बताया कि महिला सुबह से ही चौराहे के आस-पास घूम रही थी। इससे पहले उसे इलाके में नहीं देखा गया। ————————- ये खबर भी पढ़िए… भाइयों की नौकरी छूटी, बच्चों ने स्कूल नहीं देखा, हाथरस कांड का पीड़ित परिवार बोला- 5 साल से कैदी बने ‘हमारा पूरा परिवार 5 साल से CRPF की सुरक्षा में कैद है। हम घर के गेट पर खड़े ठेले से सब्जी खरीदने जाएंगे, तो CRPF के रजिस्टर में एंट्री करनी होगी। दवा लेने अस्पताल या मेडिकल स्टोर जाना है, तो CRPF की गाड़ी में जाएंगे। ऐसे में हम खेती-बाड़ी कैसे करें? नौकरी कैसे करें? अपने बच्चों को कैसे पढ़ाएं? सबसे बेहतर है कि हमें दूसरे शहर में शिफ्ट कर दिया जाए। जिससे हम बिना सुरक्षा रहकर नौकरी करके अपना घर चला सकें।’ (पूरी खबर पढ़िए)


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