रूस और यूक्रेन युद्ध में दोनों को टैंकों को नुकसान 

 रूस और यूक्रेन युद्ध में दोनों को टैंकों को नुकसान 
Share Now

मॉस्को । युद्ध में कई महाविनाशक हथियार इस्तेमाल होते हैं। कभी कहा जाता था कि जिसके पास टैंक होगा वहां युद्ध को जीत सकता है। लेकिन रूस और यूक्रेन के युद्ध ने इस धारणा को बदल दिया है। रूसी सेना ने कथित तौर पर 100 टी-90 मेन बैटल टैंक (एमबीटी) खो दिए हैं। इतने बड़े पैमाने पर टैंकों को खोना रूसी राष्ट्रपति पुतिन के लिए अपमानजनक हो सकता है, जिन्हें वह दुनिया में सर्वश्रेष्ठ कहते हैं। लेकिन इस युद्ध में सिर्फ रूस ही नहीं यूक्रेन को अमेरिका की ओर से दिए गए टैंकों को भी नुकसान हुआ है। ओरिक्स डेटाबेस के मुताबिक टी-90 एम टैंकों ने 100 का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। टैंकों को होने वाले बड़े नुकसान का कारण ड्रोन का युद्ध में आना है। यूक्रेनी बल फर्स्ट-पर्सन व्यू ड्रोन का इस्तेमाल करता है। हमला करने वाले ड्रोन सरल और आसानी से उपलब्ध हैं। इन सभी हमला करने वाले ड्रोन को बेहतर नियंत्रण के लिए ऑपरेटर की आंखों और माथे पर लगे वर्चुअल रियलिटी स्क्रीन के जरिए नियंत्रित किया जाता है। हाल के महीनों ने यूक्रेन ने रूस के जिन टैंकों को नष्ट किया है,उसमें से दो तिहाई से ज्यादा को ड्रोन के उपयोग से नष्ट किया गया है।
रूस ने कुछ टी-90 एम को टैंक-विरोधी हथियारों और ड्रोन से बचाने के लिए स्टील के पिंजरे लगाए हैं। हालांकि कई वीडियो फुटेज दिखाते हैं कि यह हमेशा प्रभावी नहीं होते। हालांकि दूसरी तरह यूक्रेन के टैंक भी ड्रोन हमलों में तबाह हुए हैं। जर्मन लियोपार्ड-2 और अमेरिकी अब्राम सहित कुछ बेहतरीन पश्चिमी हथियारों को रूस ने तबाह किया है। एक यूक्रेनी कमांडर ने हाल ही में चेतावनी दी थी कि अब्राम को बचाने के लिए अधिक आर्मर की जरूरत है।


Share Now

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *