रागिनी सोनकर पर भड़कीं पूजा पाल:बोलीं- पिता की बदौलत विधायक नहीं हूं, उस माफिया से भिड़ी, जिसके घर लोग चाय पीते थे

रागिनी सोनकर पर भड़कीं पूजा पाल:बोलीं- पिता की बदौलत विधायक नहीं हूं, उस माफिया से भिड़ी, जिसके घर लोग चाय पीते थे
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सपा से निष्कासित विधायक पूजा पाल ने रागिनी सोनकर को जवाब दिया है। कहा- किसी ने पूछा है पूजा पाल कौन? पिता की विरासत से विधायक बनने वाले को जवाब देने का मतलब नहीं है। क्योंकि जब पूजा पाल न्याय के लिए कोर्ट और कचहरी में दौड़ती थी। उस समय वो लोग अपने पिता की एंबेसेडर से बड़े कॉलेज में जाते थे। उनको किसी के संघर्षों का मूल्य क्या ही पता होगा? लेकिन फिर भी बता दूं, पूजा पाल उस PDA की पीड़ित महिला है, जिसने अन्याय-अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई, जब कुछ लोग उसी माफिया के घर चाय-पानी करते थे। दरअसल, पूजा के सपा से निकाले जाने पर विधायक रागिनी सोनकर से सवाल किया गया तो उन्होंने पूछा- पूजा पाल कौन हैं? किस पार्टी में है? जवाब में मीडिया कर्मी ने कहा कि सपा की विधायक हैं। इस पर रागिनी ने कहा- अच्छा हुआ आपने ये बताया, क्योंकि मुझे ये पता नहीं था। जनता भी इस वजह से रोष में है। वह सपा के भरोसे चुनाव जीतकर आई थीं। जब जनता और सपा को भरोसा था कि वो हमारे सदस्य को चुनकर आगे भेजेंगी, तो उन्होंने उस समय पार्टी को धोखा दिया। आगे जो प्रक्रिया हो रही है, वो तो पार्टी अपने हिसाब से एक्शन ले रही है। आगे बढ़ने से पहले पोल में हिस्सा लेकर राय दें- पूजा पाल को लेकर अब तक किसने क्या कहा जानिए पूजा पाल ने सोशल मीडिया पर ट्रोलर्स को भी जवाब दिया योगी की तारीफ पर 8 घंटे में अखिलेश ने पार्टी से निकाला था
पूजा पाल ने गुरुवार को विधानसभा सत्र के दौरान सीएम योगी की तारीफ में कहा था- उन्होंने माफिया अतीक अहमद को मिट्‌टी में मिलाया। पूजा की इस स्पीच के करीब 8 घंटे बाद ही उनको पार्टी से निकालने का आदेश जारी किया गया। यह आदेश सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने दिया था। विधायक पूजा पाल, राजू पाल की पत्नी हैं। 2005 में राजू पाल की हत्या अतीक अहमद ने की थी। सपा से निकाले जाने के बाद दैनिक भास्कर से पूजा पाल ने कहा था- मुझे जो सही लगा, मैंने कहा। मैंने न सपा का नाम लिया, न ही अखिलेश यादव का। मैंने सिर्फ अतीक अहमद का नाम लिया। मैंने तो सिर्फ सीएम योगी को धन्यवाद दिया था। इसमें मैंने कोई अपराध नहीं किया। भाजपा जॉइन करने पर कहा- अभी मेरा ऐसा कोई प्लान नहीं है। ———————————————
ये खबर भी पढ़ें… फतेहपुर में मकबरा इतिहास में दर्ज, मंदिर विवाद ताजा:कभी किसी तरह की याचिका नहीं दायर हुई; हिंदू भी त्योहारों पर दीया जलाते यूपी के फतेहपुर में मकबरा-मंदिर विवाद अब शांत है। लेकिन तनाव बरकरार है और सियासत तेज। प्रशासन पहले से अधिक मुस्तैद है। किसी भी व्यक्ति को मकबरे तक जाने की इजाजत नहीं दी जा रही। मकबरे के 500 मीटर एरिया को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। करीब 300 सुरक्षाकर्मी मकबरे के आसपास व शहर में नजर बनाए हुए हैं। अगले कुछ दिन तक ऐसा ही रहने की संभावना है। पूरी खबर पढ़ें…


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