उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ा और महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है वर्ष 2047 तक प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय को ₹26 लाख तक पहुंचाना। मौजूदा समय में राज्य की प्रति व्यक्ति आय ₹1,08,572 है। यानी अगले 22 वर्षों में हर व्यक्ति की सालाना आमदनी करीब 26 गुना बढ़ाने का रोडमैप तैयार किया जा रहा है। विकास की दिशा में यह कदम एक बड़ा बदलाव ला सकता है और उत्तर प्रदेश को देश के अग्रणी राज्यों की कतार में खड़ा कर सकता है।
नियोजन विभाग बना रहा है विस्तृत रोडमैप
इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने के लिए यूपी सरकार का नियोजन विभाग तेजी से काम कर रहा है। विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार के अनुसार, अगले कुछ महीनों में एक विस्तृत और व्यावहारिक रोडमैप तैयार किया जाएगा। इसमें राज्य की भावी जनसंख्या, आर्थिक विकास की संभावनाएं और क्षेत्रीय योजनाओं को ध्यान में रखा जाएगा।
आजादी के 100 साल और यूपी की नई उड़ान
सरकार का लक्ष्य है कि जब भारत 2047 में स्वतंत्रता की शताब्दी मनाए तब तक उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय ₹26 लाख तक पहुंच जाए। यह सिर्फ एक आर्थिक लक्ष्य नहीं है, बल्कि राज्य को समृद्ध, सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने का एक विजन है। वर्ष 1947 में, जब भारत आज़ाद हुआ था, तब यूपी की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत के बराबर थी। लेकिन समय के साथ विकास की गति धीमी पड़ने से यह आंकड़ा राष्ट्रीय औसत से काफी पीछे चला गया। हालांकि पिछले कुछ वर्षों में विकास की रफ्तार में सुधार आया है। 2017-18 में यूपी की प्रति व्यक्ति आय ₹57,944 थी, जो राष्ट्रीय औसत (₹1,15,224) का सिर्फ 50.30% थी। 2024-25 तक, यह बढ़कर ₹1,08,572 हो गई है जो राष्ट्रीय औसत ₹2,05,324 का 52.90% है। यानी बीते 8 वर्षों में यूपी ने राष्ट्रीय औसत के मुकाबले 2.60% की बढ़त हासिल की है।
राष्ट्रीय औसत से तेज बढ़ रही यूपी की आमदनी
सबसे उत्साहजनक बात यह है कि उत्तर प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय की वार्षिक औसत वृद्धि दर 12.48% रही है, जो कि राष्ट्रीय औसत 11.17% से 1.31% अधिक है। यानी, अगर यही गति बनी रही तो आने वाले वर्षों में यूपी न सिर्फ राष्ट्रीय औसत को पकड़ सकता है बल्कि उसे पीछे भी छोड़ सकता है।