यूपी में एक लाख घूस मांगने वाला JE सस्पेंड:बिजली विभाग का लाइनमैन-मीटर रीडर बर्खास्त; भास्कर के खुलासे के बाद एक्शन

यूपी में एक लाख घूस मांगने वाला JE सस्पेंड:बिजली विभाग का लाइनमैन-मीटर रीडर बर्खास्त; भास्कर के खुलासे के बाद एक्शन
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डेढ़ लाख रुपए का बिजली बिल माफ कराने के लिए एक लाख रुपए की घूस मांगने वाले जेई जितेंद्र दुबे को सस्पेंड कर दिया है। वहीं, लाइनमैन और मीटर रीडर को बर्खास्त किया है। ‘दैनिक भास्कर’ ने अपने इन्वेस्टिगेशन में इनका खुलासा किया था। इसके बाद ये एक्शन हुआ। अधीक्षण अभियंता ने इस मामले की जांच का आदेश दिया है। सिद्धार्थनगर में भास्कर के बड़े खुलासे के बाद पूरे यूपी में बिजली विभाग के अफसरों और कर्मचारियों की धड़कन बढ़ गई है। जेई खुफिया कैमरे पर डेढ़ लाख के बिजली के बिल को एक लाख में खत्म करने की डील करते हुए कैद हुए थे। पीड़ित का भाई बनकर गए भास्कर रिपोर्टर को जेई ने छापेमारी कराकर कमीशन देने का भी ऑफर किया था। भास्कर के कैमरे पर उस्का फीडर के लाइनमैन संजय भी विभाग के बड़े साहब से सेटिंग कर बिल को रफा दफा कराने की डील की थी। इसी कड़ी में भास्कर ने उस्का फीडर के मीटर रीडर सुनील मिश्रा से भी बकाया बिजली के बिल की डील की थी, जिसमें सुनील मिश्रा ने इसके लिए कई चैनल बताए थे। दैनिक भास्कर ने स्टिंग ऑपरेशन को 13 सितंबर को सुबह 6 बजे पब्लिश किया था। खबर पब्लिश होने के बाद 4 घंटे के अंदर ही जेई जितेंद्र दुबे को सस्पेंड कर दिया गया, जबकि मीटर रीडर सुनील मिश्रा और लाइनमैन संजय कुमार की सेवा समाप्त कर दी गई। अब JE के बारे में पढ़िए… पत्नी को ब्लाक प्रमुख बनाने की तैयारी में था जेई
उस्का बाजार फीडर के घूसखोर जेई जितेंद्र दुबे ने पंचायत चुनाव की तैयारी में घर से 51 KM दूर पोस्टिंग कराई थी। जितेंद्र दुबे की पत्नी मंजू दुबे महराजगंज के पनियरा ब्लॉक प्रमुख की दावेदारी में तैयारी कर रही थी। साल 2026 में यूपी में होने वाले पंचायत चुनाव की तैयारी में जेई ने महराजगंज जनपद के बॉर्डर वाले फीडर उस्का बाजार में 2 माह पहले आला अफसरों को सेट कर अपनी पोस्टिंग कराई थी। वह मूल रूप से महाराजगंज जनपद के पनियरा ब्लाक के देवीपुर गांव का निवासी है। पत्नी को राजनीति में सक्रिय करने और ब्लाक प्रमुख की दावेदारी को पक्का करने के लिए जितेंद्र दुबे उस्का बाजार फीडर में नौकरी के दौरान भी सिद्धार्थनगर जिले में रात्रि में नहीं रहते थे। विभागीय सूत्र ने बताया कि वह प्रतिदिन रात में अपने 50 किमी दूर महराजगंज के पनियरा चले जाते थे। भास्कर के खुफिया कैमरे पर भी जेई जितेंद्र दुबे ने यह स्वीकार किया था कि वह जिले में कम रहते हैं। इस कारण से कहीं क्वार्टर भी नहीं लिए हैं। ऑफिस पर ही रहते हैं, रात में घर निकल जाते हैं। पत्नी का चेहरा, जितेंद्र करते हैं राजनीति
भास्कर पड़ताल में जो बाते सामने आई उसके मुताबिक, पत्नी मंजू दुबे तो महज चेहरा थीं, राजनीति तो जितेंद्र दुबे करते थे। साल 2021 में जितेंद्र दुबे ने अपनी पत्नी मंजू दुबे को समाजवादी पार्टी से ब्लॉक प्रमुख का चुनाव लड़ाया था। मंजू दुबे को भाजपा का टिकट दिलाने के लिए जितेंद्र ने एड़ी चोटी का जोर लगाया था, लेकिन वह इसमें सफल नहीं हो पाए थे। इसके बाद समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव की तैयारी कर रही थी। सपा से पर्चा भी दाखिल किया था, लेकिन मतदान से कुछ ही दिन पहले चुनाव मैदान से बाहर आ गईं, जिससे चुनाव निर्विरोध हो गया। चुनाव मैदान से बाहर होने के पीछे बड़ा कारण बताया जाता है कि मौजूदा ब्लाक प्रमुख वेद प्रकाश की पत्नी को भाजपा से टिकट मिल गया था। पनियरा ब्लाक के देवीपुर के रहने वाले जेई जितेंद्र दुबे राजनीति में काफी एक्टिव रहते हैं। इस बार वह चुनाव को लेकर विशेष तैयारी कर रहे थे। स्थानीय लोगों को कहना है कि जितेंद्र के पिता भी बिजली विभाग में महराजगंज में फोर्थ क्लास की नौकरी कर रहे थे, उनकी मौत के बाद जितेंद्र को मृतक आश्रित पर नौकरी मिल गई थी। जितेंद्र पहले चतुर्थ श्रेणी में भर्ती हुए थे, सूत्र बताते हैं कि शुरू से ही वह बिजली के बिल को लेकर बड़ा एक्टिव रहा करते थे। इसके बाद वह लाइनमैन हुए और फिर प्रमोट होकर जेई बन गए। महराजगंज के आनंदनगर में काफी समय तक लाइनमैन के पद पर रहे हैं। जमीन में बड़ा इन्वेस्टमेंट, गोरखपुर में आलीशान घर
जेई जितेंद्र दुबे के घर महराजगंज से भास्कर की पड़ताल में पता चला कि वह बिजली विभाग की कमाई को जमीनों में इन्वेस्ट करते हैं। गोरखपुर के राजेंद्र नगर में इनका आलीशान घर है। गांव के लोगों के मुताबिक गोरखपुर और महाराजगंज में इनकी काफी प्रॉपर्टी है। राजनीति में सक्रिय और प्रतिस्पर्धा को लेकर इनकी आय से अधिक संपत्ति की शिकायत भी हुई थी। सूत्रों की मानें तो मामले में गोपनीय जांच भी चल रही है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि जितेंद्र जहां भी पोस्ट हुए हैं, पैसे को लेकर चर्चा में रहे हैं। आय से अधिक की संपत्ति को लेकर पनियरा ब्लाक से ही गोपनीय शिकायत हुई है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक, बिल के बकाया को सेटलमेंट करके जितेंद्र ने मोटा पैसा कमाया है। जितेंद्र के पास 3 लग्जरी गाड़ियां हैं। हाल ही में एक और लग्जरी गाड़ी ली है। नौकरी और पॉलिटिक्स के साथ जितेंद्र दुबे जमीन का भी कारोबार करते हैं। भास्कर के स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो संज्ञान में आते ही तत्काल प्रभाव से संबंधित जेई को सस्पेंड कर दिया गया है, जबकि लाइनमैन और मीटर रीडर को भी संबंधित कंपनी के जरिए बर्खास्त करा दिया गया है। अजय कुमार, अधीक्षण अभियंता विभाग के रडार पर जितेंद्र दुबे
भास्कर के एक्सपोज करने के बाद जेई जितेंद्र दुबे विभाग के आला अफसरों के रडार पर हैं। जितेंद्र के द्वारा अब तक किए गए बिजली बिल के सेटलमेंट के सभी मामलों की जांच की तैयारी चल रही है। अधीक्षण अभियंता अजय कुमार ने कहा- मामला काफी गंभीर है। वह हर एक बिंदु पर इसकी जांच कराएंगे। विभाग में चर्चा है कि अगर जेई जितेंद्र दुबे के सभी बिलाें की बारीकी से जांच कराई गई तो बिल में बड़ा हेरफेर कर पैसा कमाने का बड़ा मामला उजागर हो सकता है। भास्कर के कैमरे पर कैद हुई डील दरअसल, 12 सितंबर को लखनऊ में बिजली विभाग से परेशान युवक अजय कुमार ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। अजय बुलंदशहर का रहने वाला था। उसने आटा चक्की लगाई, लेकिन ट्रांसफॉर्मर खराब होने से धंधा ठप हो गया। नया ट्रांसफॉर्मर लगाने के लिए उससे 70% खर्च मांगा जा रहा था, जिससे आहत होकर उसंने ये कदम उठाया। बिजली विभाग के अफसरों की काली कमाई के ऐसे खेलों को एक्सपोज करने के लिए भास्कर की टीम खुद पीड़ित बनकर जेई के पास पहुंची। भास्कर के इन्वेस्टिगेशन में देखिए और पढ़िए बिजली विभाग में सेटलमेंट के नाम पर कैसे आम लोगों से रिश्वत ली जा रही है… सिद्धार्थनगर के बिजली उपकेंद्र ‘उसका बाजार’ से जुड़े कुछ बड़े व्यापारियों ने सीएम योगी आदित्यनाथ से गोपनीय शिकायत की। आरोप लगाया था कि बिजली विभाग के अफसर दबाव बनाकर अवैध वसूली कर रहे हैं। शिकायतकर्ताओं ने पहचान गोपनीय रखते हुए भास्कर को इसकी जानकारी दी थी। बिजली विभाग में अवैध वसूली का पूरा सिस्टम समझने के बाद हमने स्टिंग का प्लान बनाया। इन्वेस्टिगेशन में हमें यह समझ आया कि पूरे खेल में बिजली के बड़े बकायादारों को निशाना बनाया जा रहा है। इसलिए हमने डेढ़ लाख बकाया वाले कंज्यूमर के रिश्तेदार बनकर फीडर के जेई जितेंद्र दुबे को कॉल किया। उन्होंने मिलने के लिए जूनियर इंजीनियर कार्यालय में बुलाया और एक लाख रुपए की रिश्वत की मांग कर कनेक्शन परमानेंट डिस्कनेक्शन (PD) की बात की… जेई ने कहा- दो पैसा हमको भी मिल जाए रिपोर्टर – सर, भैया से आपकी बात करा दूं? मैने 10 हजार बढ़ाकर बताया है। मुझे भी तो कुछ चाहिए।
जितेंद्र दुबे – हां-हां… कोई बात नहीं, आप ले लीजिएगा, मुझे तो एक लाख चाहिए। रिपोर्टर – भैया बोले हैं, कनेक्शन बंद कर नया कनेक्शन दे दीजिए। रसीद नहीं भी देंगे तो चलेगा।
जितेंद्र दुबे – ठीक है… हो जाएगा, बकाया वाला क्लोज कर नया कनेक्शन लगवा दूंगा। रिपोर्टर – सर, दोबारा बकाया बिल तो नहीं आएगा, क्योंकि अपने पास तो रसीद भी नहीं होगी।
जितेंद्र दुबे – मैं ही पूरी रिपोर्ट लगाता हूं, एक बार जो कनेक्शन बंद हो गया, उस अकांउट से कभी खुलता ही नहीं। (हाथ से पैसे का इशारा कर बोले– सब कुछ इसी पर होता है) रिपोर्टर – सर, देख लीजिए, आप कैसे फायदा करा सकते हैं?
जितेंद्र दुबे – मैं तो वही करूंगा, जिसमें दो पैसा हमको भी मिल जाए, उनका भी बच जाए। भाई बनकर कॉल पर था दूसरा रिपोर्टर, जेई ने समझाया 2 नंबर का काम
जेई के पास जाने से पहले ही एक और रिपोर्टर को कॉल पर भाई बनकर बात कराने का हमने प्लान बना रखा था। रिपोर्टर जेई के पास पहुंचकर दूसरे रिपोर्टर को बैंगलुरु में रहने वाला भाई बताकर कॉल किया तो जेई को काम और मोटी रकम दोनों पर भरोसा हो गया। जेई ने भाई (रिपोर्टर) को नंबर एक और नंबर दो का काम समझाया। जेई ने कहा– बकाया पूरा पैसा सरकार के खाते में जमा हो गया तो किसी का फायदा नहीं होगा। इसलिए कनेक्शन को पूरी तरह से बंद कर नए कनेक्शन और डेढ़ लाख के बकाया को एक लाख में निपटा देंगे। जेई ने दावा किया– जो भी रिपोर्ट लगाएंगे, उसकी जांच नहीं होगी। रिपोर्ट लगाकर कनेक्शन बंद करवा दिया तो बिजली विभाग में उस अकाउंट को दोबारा खोला ही नहीं जा सकता है। यानी एक सेटिंग में बकाया का पूरा लेखा–जोखा साफ हो जाएगा। JE बोला- छापेमारी कराओ, सेटिंग में हिस्सा देंगे
जेई जितेंद्र दुबे डील के दौरान दो मुलाकात में ही रिपोर्टर से खुल चुके थे, क्योंकि हमारे केस में हमने जेई के सामने भाई से एक लाख की जगह 1.10 लाख की डिमांड की थी, इसमें जेई 10 हजार रुपए हमारा कमीशन मान रहा था। इसलिए उसे लगा कि छापेमारी और सेटलमेंट का काम करा सकते हैं। उसने हमें ऑफर दिया– बिजली चोरी की सूचना देकर रेड कराइए, फिर सेटलमेंट में जो हिस्सा आएगा, उसमें आपका भी हो जाएगा। लाइनमैन बोला- बड़े साहब से मिलकर काम होता है
जेई से डील में यह बात साफ हो गई कि अवैध वसूली में लाइनमैन से लेकर कर्मचारी तक शामिल हैं। लिहाजा हमने जेई के नीचे काम करने वाले कुछ किरदारों को भी पकड़ा। इसमें पहला नाम सामने आया लाइनमैन संजय का, जो जेई के दो नंबर के पैसे का बड़ा एजेंट हैं। संजय ने मिलने से इनकार कर दिया, लेकिन वॉट्सऐप कॉल पर कई चौंकाने वाले खुलासे किए… मीटर रीडर का काम छापेमारी करना, फिर डील कराना जेई और लाइनमैन से डील के बाद हमें मीटर रीडर सुनील मिश्रा की जानकारी मिली। शहर में कंज्यूमर की रेकी कर छापेमारी कराने, फिर सेटिंग कराकर पैसा कमाते हैं। रिपोर्टर से सुनील ने भी डील की… रिपोर्टर – मेरा काम आप अपने स्तर से करा सकते हैं क्या?
सुनील – आप जेई से मिल चुके हैं, बिल भी देखा होगा, नहीं तो हम करवा ही देते। रिपोर्टर – कितने में हो जाता आपके माध्यम से?
सुनील – आधे से भी कम में आपका काम हो जाता, 50 हजार में पूरा सेट हो जाता। रिपोर्टर – तब तो हमारा बहुत घाटा हो गया।
सुनील – इसके (जेई) नॉलेज में हो गया, नहीं तो अलग जगह से हो जाता। रिपोर्टर – कौन करेगा?
सुनील – करेंगे तो एसडीओ ही ना। स्मार्ट मीटर के लिए कमीशन का अलग चैनल
सिद्धार्थनगर में स्मार्ट मीटर में कमीशन का चैनल सामने आया। इसमें लाइनमैन व जेई के साथ एजेंट अभिषेक त्रिपाठी का नाम सामने आया। एजेंट अभिषेक स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनी के लिए काम करता है। बिजली विभाग के कर्मियों से बातचीत में पता चला कि अभिषेक पहले कंज्यूमर की शिकायत कराता है, फिर जेई छापेमारी कर दबाव से पैसा वसूलता है। इसमें अभिषेक, जेई और लाइनमैन का हिस्सा होता है। इस स्टिंग में 2 बातें सामने आई पहली – डेढ़ लाख का बिजली बिल माफ करने के लिए जेई 1 लाख रुपए मांग रहा है। इसमें वह 60 हजार की रसीद देने और 40 हजार रिश्वत में लेने की बात स्वीकार रहा है। दूसरी – मीटर रीडर सुनील मिश्रा के मुताबिक 2 से ढाई लाख रुपए तक का बिजली बिल 15-20 हजार रुपए में खुद विभाग ही सेटलमेंट कर देता है। हमारे इन्वेस्टिगेशन में ये निकला मंत्री ने कहा था- जांच कराएंगे
दैनिक भास्कर ने यूपी सरकार के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा को पूरे मामले की जानकारी दी थी। उन्होंने जांच कराने की बात कही थी। खबर चलने के चार घंटे में एक्शन हो गया। ———————- भास्कर इन्वेस्टिगेशन की ये खबरें भी पढ़ें- यूपी में कैमरे पर लाशों का सौदा:पोस्टमॉर्टम कर्मचारी-पुलिस की डील, बोले- एक लाश डेढ़ लाख में ‘महीने में 30 से 40 लाशें निकल जाती हैं। आप बहुत कम दे रहे हैं। अभी पुराना रिकॉर्ड देखा जाए… उस समय डेढ़ लाख का रेट चल रहा था। राममूर्ति वाले डेढ़ लाख रुपए देकर जाते थे।’ यह दावा है बरेली के पोस्टमॉर्टम हाउस के कर्मचारी सुनील का। यूपी के बरेली में लाशों का सौदा हो रहा है। पढ़ें पूरी खबर यूपी में घर पहुंचने से पहले 4Kg गैस चोरी:स्टिंग में डिलीवरीमैन ने कान पकड़कर माफी मांगी, VIDEO में देखें लूट लखनऊ का खुर्रमनगर। घनी आबादी के बीच एक घर का बरामदा। यहां रसोई गैस के 15-20 सिलेंडर रखे हैं। डिलीवरीमैन बहुत सफाई से सिलेंडर की सील हटाता है। फिर पाइप से LPG खाली सिलेंडर में ट्रांसफर करता है। वह हर सिलेंडर से 3 से 4 किलो गैस निकाल रहा है। फिर बड़ी सफाई से सिलेंडर को पहले की तरह सील कर देता है। पढ़ें पूरी खबर


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