‘एक बच्चे को जन्म देने वाली मां नागिन के समान है। जो समाज या व्यक्ति अपनी मां, बहन, बेटी, पत्नी समेत नारियों के सम्मान की रक्षा नहीं कर सकता, उसे जीवित रहने का कोई अधिकार नहीं होता।’ यह बात बुधवार को महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद ने कही। यति इन दिनों मुजफ्फरनगर के गांधीनगर में हैं। वह यहां श्यामा-श्याम मंदिर में मां बगलामुखी महायज्ञ कर रहे हैं। आज महायज्ञ का दूसरा दिन था। यति ने कहा- एक छोटी-सी बात हवन कुंड की अग्नि को साक्षी मानकर आज कहना चाहता हूं कि आजकल हमारे घरों में हो क्या रहा है? एक बेटा या एक बेटा और एक बेटी। अगर किसी के यहां पहला बेटा हो जाता है, तो वो दूसरा बच्चा करना नहीं चाहता। अगर किसी को एक बेटा और एक बेटी हो जाती है तो वो भी आगे बच्चा नहीं पैदा करता। हमारा धर्म कहता है, हमारा वेद कहता है कि ये बहुत बड़ा पाप है। उन्होंने कहा- वो मां जो केवल एक बेटे को जन्म देती है, वो नागिन की तरह होती है। जो स्वयं ही अपनी संतान को खा जाती है। जो एक बच्चा पैदा कर रहे हैं, जिनके कोई भाई नहीं है, बहन नहीं है, वह किसके साथ लड़ेंगे। कौन उनकी मदद करेगा, कोई मदद नहीं करेगा। इसमें उनकी मां का तो दोष है ही, पिता का भी कम दोष नहीं है। इसलिए बहन बेटियों अधिक से अधिक बच्चे पैदा करें, तभी सनातन धर्म बचा रहेगा। खबर में पोल है, आगे बढ़ने से पहले हिस्सा लें नारियों का सम्मान न करने वाले को जीने का अधिकार नहीं यति नरसिंहानंद ने कहा- इसका सबसे बड़ा प्रमाण महाभारत का युद्ध है। जो एक नारी महारानी द्रौपदी के अपमान के प्रतिशोध के लिए योगेश्वर श्रीकृष्ण द्वारा रचाया गया था। हस्तिनापुर की राजसभा में जितने भी गणमान्य बैठ कर द्रौपदी का अपमान देख रहे थे, उन सभी को योगेश्वर ने मिटने की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया था। ऐसा नहीं है कि द्रौपदी के अपमान का दंड केवल कौरवों को मिला। इसका दंड पांडवों को भी भुगतना पड़ा। योगेश्वर श्रीकृष्ण ने पांडवों को भी उनकी कायरता का इतना कठिन दंड दिया था कि उनके परिवार में उन पांच भाइयों के अतिरिक्त केवल एक बच्चा जीवित बचा था, जो महाभारत के समय अभिमन्यु की पत्नी के गर्भ में था। यूं तो अश्वत्थामा ने ब्रह्मास्त्र चलाकर इस शिशु की भी हत्या कर दी। लेकिन योगेश्वर श्रीकृष्ण ने इस शिशु को जीवनदान दिया। योगेश्वर श्रीकृष्ण ने अपनी इस लीला से सिद्ध किया कि जो भी व्यक्ति,परिवार या समाज अपनी नारियों के सम्मान की रक्षा नहीं कर सकता, उसको जीवित रहने का कोई अधिकार नहीं है। हिंदू अधिक से अधिक बच्चा पैदा करें महामंडलेश्वर ने कहा- लव जिहाद जैसी घातक बीमारियों का उपचार केवल श्रीमद्भगवद्गीता के आधार पर ही किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त कोई उपचार नहीं है। उन्होंने कहा कि हिन्दुओं की घटती जनसंख्या और छोटे होते परिवार ही इस समय हिंदुओं की सबसे बड़ी समस्या है। अगर हमें अपने परिवार, अपनी नारियों सहित अपना अस्तित्व बचाना है, तो हिन्दुओं को अधिक से अधिक बच्चे पैदा करने पड़ेंगे। अगर हिन्दुओं ने ऐसा नहीं किया तो कोई भगवान अवतार लेकर हिन्दुओं को बचा नहीं पाएंगे। अब हिन्दुओं को अपनी जनसंख्या बढ़ाने का लक्ष्य रखना चाहिए। इसके लिए सनातन धर्मियों का धनी समाज विशेष रूप से योजना बनाए और संपूर्ण समाज को इसके लिए प्रेरित करें। महायज्ञ में उनके साथ उनके शिष्य यति अभयानंद ,यति धर्मानंद, डॉ योगेंद्र योगी, मोहित बजरंगी भी हैं। महायज्ञ के पुरोहित पंडित सनोज शास्त्री हैं। ——————– ये खबर भी पढ़िए- नोएडा में रूम पार्टनर ने की MBA छात्र की हत्या: हॉस्टल में वारदात, मर्डर के बाद खुद को भी गोली मारी, हालत गंभीर ग्रेटर नोएडा में मैनेजमेंट के एक छात्र ने अपने साथी की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद उसने खुद को भी गोली मार ली। गोली लाइसेंसी पिस्टल से मारी गई है। घायल छात्र को पास के ही प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने एक लाइसेंसी रिवॉल्वर, 4 जिंदा कारतूस, 2 खोखे, मोबाइल और लैपटॉप बरामद किया है। मामला नॉलेज पार्क थाना क्षेत्र का है। पढ़ें पूरी खबर…
यति बोले- एक बच्चे को जन्म देने वाली मां नागिन:सनातन धर्म बचाना है तो ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करें
