पीएम नरेंद्र मोदी शनिवार को मणिपुर दौरे पर रहेंगे। वे इंफाल और चुराचांदपुर में दो अलग-अलग रैलियों को संबोधित करेंगे। पीएम यहां कई परियोजनाओं की नींव रखेंगे। मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच मई 2023 से जारी हिंसा के बाद मोदी का यह पहला दौरा होगा। वहीं, PM बनने के बाद उनका यह राज्य का 8वां दौरा है। इससे पहले वे 2014 से 2022 के बीच 7 बार मणिपुर जा चुके हैं। मणिपुर हिंसा के बाद विपक्ष लगातार PM मोदी के मणिपुर जाने की मांग करता रहा है। अब PM के इस दौरे का विपक्ष ने स्वागत किया है। राहुल गांधी ने कहा, ‘मणिपुर की समस्या लंबे समय से चल रही है, अच्छा हुआ कि वे अब वहां जा रहे हैं।’ 8500 करोड़ के प्रोजेक्ट्स की नींव रखेंगे PM
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने शुक्रवार को बताया कि PM शनिवार दोपहर लगभग 12:30 बजे चुराचांदपुर जाएंगे। वहां चुरादांचपुर टाउन स्थित मेन ग्राउंड से 7,300 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे और जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद, वे दोपहर लगभग 2:30 बजे इंफाल में ऐतिहासिक कंगला किले से 1,200 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत वाली विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे और जनसभा को संबोधित करेंगे। विपक्ष दो साल से PM से मणिपुर जाने की मांग कर रहा मणिपुर में हिंसा शुरू होने के बाद विपक्षी दलों ने लगातार PM मोदी से मणिपुर जाने की मांग की। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री पर मणिपुर की समस्या को अनदेखा करने और भाजपा शासन होने के बावजूद ध्यान नहीं देने का आरोप लगाया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 4 अप्रैल, 2025 को राज्यसभा में मणिपुर की स्थिति पर प्रधानमंत्री से जवाबदेही की मांग की। उन्होंने कहा- प्रधानमंत्री को मणिपुर जाना चाहिए और वहां की कानून-व्यवस्था को ठीक करना चाहिए। एक्सपर्ट ने दौरे के मायने बताए मणिपुर हिंसा पर लंबे समय से कवरेज कर रहीं सीनियर जर्नलिस्ट संगीता बरुआ पिशारोती ने बताया कि PM मोदी को मणिपुर न जाने के कारण विपक्ष की कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा है। अभी वे वोट चोरी के मुद्दे पर भी विपक्ष के निशाने पर हैं। संगीता बताती हैं- प्रधानमंत्री नहीं चाहते कि उनके खिलाफ कोई नैरेटिव सेट हो। उनकी इस यात्रा को नैरेटिव कंट्रोल के तौर पर देखा जा सकता है। जब वे प्रधानमंत्री बने थे, तो उनकी छवि ‘लोकनेता’ के तौर पर थी। समय के साथ उनकी यह छवि कम होती गई। अब वे वापस उस छवि को पटरी पर लाना चाहते हैं। राहुल गांधी हिंसा के दौरान 3 बार मणिपुर गए मोदी 2 साल में मणिपुर पर 3 बार बोले 1. 20 जुलाई 2023: मानसून सत्र के पहले दिन PM मोदी ने मणिपुर में दो आदिवासी महिलाओं को नग्न घुमाने की घटना पर कहा था- देश का अपमान करने वाली इस घटना के लिए हमें शर्मिंदा होना चाहिए। गुनहगारों को नहीं बख्शा जाएगा और कानून पूरी ताकत से अपना काम करेगा। जो हुआ, वह कभी माफ नहीं किया जा सकता। 2. 10 अगस्त, 2023: लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर मणिपुर हिंसा पर बोलने की मांग को लेकर विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया। PM ने इस पर जवाब दिया- मैं सभी देशवासियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि जो कोशिशें चल रही हैं, निकट भविष्य में शांति का सूरज जरूर उगेगा। मणिपुर फिर नए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ेगा। 3. 15 अगस्त 2023 – स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में मणिपुर का दो बार जिक्र किया। उन्होंने कहा- मणिपुर में मां-बेटियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ हुआ। लोगों की जान गई। कुछ दिनों से लगातार शांति की खबरें आ रही हैं। शांति के प्रयास किए जा रहे हैं। शांति से ही समाधान का रास्ता निकलेगा। PM के दौरे से पहले सरकार-कुकी संगठनों में समझौता मणिपुर में प्रधानमंत्री के दौरे से 10 दिन पहले, 4 सितंबर को दिल्ली में केंद्र सरकार, मणिपुर सरकार, कुकी संगठन (KZC) और यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट के बीच नया सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशंस (SoO) एग्रीमेंट साइन किया गया था। इसके बाद कुकी-जो मणिपुर को नगालैंड–पूर्वोत्तर से जोड़ने वाला नेशनल हाईवे NH-2 खोल दिया गया। ये मई 2023 में भड़की मैतेई और कुकी समुदायों की हिंसा के बाद से बंद था। ये रास्ता कुकी इलाके को मैतेई इलाके से जोड़ता है। अब इस रास्ते से लोगों और जरूरी सामान की आवाजाही बिना रुकावट हो सकेगी। KZC ने भरोसा दिलाया है कि वो भारत सरकार की ओर से तैनात सुरक्षा बलों के साथ सहयोग करेगा, ताकि NH-02 पर शांति बनाई रखी जा सके। कुकी-मैतेई के बीच हिंसा की 3 बड़ी वजहें 1. ST (अनुसूचित जनजाति) दर्जे की मांग: 14 अप्रैल 2023 को मणिपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को मैतेई समुदाय के लिए ST का दर्जा देने पर सिफारिश भेजने का निर्देश दिया था। इस आदेश के बाद कुकी समुदाय में आक्रोश फैला और हिंसा भड़की। कुकी पहले से ST श्रेणी में है। उन्हें डर है कि अगर मैतेई को भी ST का दर्जा मिला, तो वे पहाड़ी इलाकों में जमीन खरीद सकेंगे और इससे उनका सांस्कृतिक, सामाजिक और भौगोलिक अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। मणिपुर के इंफाल घाटी में लगभग 10% भूमि क्षेत्र है, जहां मैतेई बहुसंख्यक रहते हैं। बाकी 90% पहाड़ी इलाका कुकी और नगा समुदायों का है। यह क्षेत्र आदिवासी जमीन (Tribal Lands) के अंतर्गत आता है और मैतेई यहां जमीन नहीं खरीद सकते। 2. अलग कुकी प्रशासन की मांग: कुकी समुदाय ‘कुकीलैंड’ या ‘जूमलैंड’ नाम से अलग प्रशासनिक स्वायत्तता की मांग कर रहे हैं । मैतेई समुदाय और राज्य सरकार इस मांग को राज्य की अखंडता के लिए खतरा मानती है। 3. कुकी पर ड्रग्स तस्करी का आरोप: कुकी समुदाय पर म्यांमार से ड्रग्स की तस्करी का आरोप लगता रहा है। सरकार ने भी कुकी पर अवैध अफीम की खेती की तस्करी में शामिल होने का आरोप लगाया, जिससे सरकार के प्रति उनका अविश्वास और बढ़ गया। कुकी का मानना है कि उनके समुदाय को बदनाम करने के लिए ऐसे आरोप लगाए जाते हैं। कुकी समुदाय का आरोप है कि मणिपुर सरकार (पूर्व भाजपा सरकार) मैतेई का पक्ष लेती है। वे सुरक्षाबलों और पुलिस पर भी एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाते हैं। मणिपुर में पिछले 7 महीने से राष्ट्रपति शासन मणिपुर के तत्कालीन मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने 9 फरवरी, 2025 को इस्तीफा दे दिया था। दो साल से ज्यादा समय तक जारी हिंसा न रोक पाने के कारण उनपर लगातार राजनीतिक दबाव बन रहा था। बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद 13 फरवरी को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया, जो अब तक जारी है। 2017 में BJP ने 15 साल सत्ता में रही कांग्रेस को हटाया था
मणिपुर में 2017 से पहले कांग्रेस लगातार तीन बार विधानसभा चुनाव जीतकर 15 सालों तक सत्ता में थी। 2012 के चुनाव में कांग्रेस ने कुल 60 में से 42 सीटें जीती थीं। 2017 में कांग्रेस 28 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी, लेकिन बहुमत से 3 सीटें दूर रह गई। भाजपा ने 21 सीटें जीतीं और NPP, NPF और LJP जैसे दलों के साथ मिलकर सरकार ने बहुमत हासिल कर लिया। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी। मणिपुर के इतिहास में पहली बार राज्य में भाजपा की सरकार बनी। 2022 में भाजपा ने 32 सीटें जीतीं और अकेले ही बहुमत का आंकड़ा छू लिया। बाद में NPP, JDU और अन्य छोटे दलों का भी समर्थन मिल गया। बीरेन सिंह लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बने। वहीं, कांग्रेस मणिपुर विधानसभा में सिर्फ 5 सीटों पर सिमट गई। मणिपुर हिंसा के सबसे चर्चित 3 मामले 1. दो आदिवासी महिलाओं को सड़क पर निर्वस्त्र घुमाया (4 मई 2023)
मणिपुर में सैकड़ों की भीड़ ने दो कुकी आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़क पर घुमाया। दोनों से गैंगरेप किया गया था। लोगों ने घटना का वीडियो भी बनाया, जो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। इस घटना से पूरे देश में आक्रोश फैल गया था। CBI ने अपनी चार्जशीट में बताया था कि महिलाओं ने मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों से मदद मांगी थी, लेकिन उन्होंने महिलाओं को भीड़ के सामने धकेल दिया। 2. खाकी वर्दी में आए मिलिटेंट्स ने CRPF कैंप पर हमला किया (11 नवंबर, 2024)
हाईटेक हथियारों से लैस वर्दीधारी कुकी मिलिटेंट्स ने जिरीबाम में बोरोबेक्रा पुलिस स्टेशन और उससे सटे CRPF कैंप पर अंधाधुंध गोलीबारी की। सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में 10 मिलिटेंट्स मारे गए थे। इनमें एक नाबालिग था। ज्यादातर मिलिटेंट्स वर्दी और खाकी पोशाक में थे। 3. जिरीबाम में छह महिलाओं-बच्चों की हत्या (नवंबर, 2024)
मणिपुर के जिरीबाम जिले से मैतेई समुदाय के एक परिवार की तीन महिलाओं और तीन बच्चों को अगवा किया गया। कुछ दिनों बाद उनके शव टुकड़ों में नदी में तैरते पाए गए थे। मृतकों में 60 साल की महिला, 31 और 25 साल की उनकी दो बेटियां, और उनके बच्चे थे। बच्चे 8 साल, 2.5 साल और 10 महीने के थे। दावा किया गया कि 10 मिलिटेंट्स की हत्या का बदला लेने के लिए इनकी हत्या हुई। ……………………………………….. मणिपुर से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… कांग्रेस सांसद गौरव गोगाई ने कहा- पीएम को मणिपुर के लोगों से माफी मांगने चाहिए कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि PM मोदी की मणिपुर की संभावित यात्रा को किसी लक्ष्य का अंत नहीं मानना चाहिए, बल्कि राज्य में शांति, न्याय, सुलह और लोकतंत्र को वापस लाने की लंबी यात्रा की सिर्फ शुरुआत है। उन्होंने कहा था कि PM की संभावित यात्रा दो साल पहले होनी चाहिए थी। पढ़ें पूरी खबर…
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