मधुबनी शहर में ईद मिलाद-उन-नबी के अवसर पर धार्मिक आस्था और भाई चारे का माहौल देखने को मिला। शहर की मस्जिदों और मदरसों से बड़ी संख्या में लोगों ने पैगंबर मोहम्मद साहब की याद में जुलूस निकाला। सांप्रदायिक एकता व आपसी सद्भाव हमारी पहचान जुलूस में विभिन्न धर्म और समुदाय के लोग शामिल हुए। सामाजिक कार्यकर्ता नलिनी रंजन झा “रुपन” और मनोज मिश्रा ने मुस्लिम समुदाय के साथ जुलूस में हिस्सा लिया। दोनों ने आयोजन में सहयोग भी किया। उनका कहना था कि, भारत की पहचान सांप्रदायिक एकता और आपसी सद्भाव है। इस जुलूस में हर उम्र के लोग शामिल हुए। ढोल-नगाड़ों और नारों से माहौल भव्य हो उठा। लोगों ने पैगंबर मोहम्मद साहब की शिक्षाओं को याद किया। उनका कहना था कि, इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं है। जगह-जगह पुलिस बल तैनात, अधिकारी बनाए रहे नजर प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। जगह-जगह पुलिस बल तैनात था। अधिकारी स्थिति पर नजर बनाए रहे। शहर में कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। जुलूस मार्ग पर हिंदू समाज के लोगों ने मुस्लिम भाइयों का फूल मालाओं से स्वागत कर शर्बत पिलाया। यह मधुबनी की सांप्रदायिक सौहार्द की परंपरा का प्रतीक है। कार्यक्रम के समापन पर धर्मगुरुओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मोहब्बत और इंसानियत का संदेश दिया।
मधुबनी में ईद मिलाद-उन-नबी पर निकला जुलूस:हिंदू समाज ने फूल-मालाओं से किया स्वागत, शर्बत पिलाया; सौहार्द की मिसाल बनी
