मंत्री जितिन प्रसाद की गाड़ी 20 मिनट कीचड़ में फंसी:पीलीभीत में लोगों ने धक्का लगाया, ट्रैक्टर से खींचकर बाहर निकाला, VIDEO

मंत्री जितिन प्रसाद की गाड़ी 20 मिनट कीचड़ में फंसी:पीलीभीत में लोगों ने धक्का लगाया, ट्रैक्टर से खींचकर बाहर निकाला, VIDEO
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केंद्रीय राज्यमंत्री जितिन प्रसाद रविवार को अपने संसदीय क्षेत्र पीलीभीत पहुंचे। वे यहां गजरौला इलाके के एक गांव में जनसमस्याएं सुनने जा रहे थे, लेकिन खुद बड़ी मुसीबत में फंस गए। हुआ यूं कि कार्यक्रम स्थल से 20 मीटर पहले ही उनकी गाड़ी कीचड़ में फंस गई। ड्राइवर ने गाड़ी की स्पीड बढ़ाकर निकालने का काफी प्रयास किया, लोगों ने धक्का भरी लगाया। लेकिन गाड़ी आगे नहीं बढ़ सकी। आखिरकार मंत्री को गाड़ी से उतरकर कीचड़ में चलते कार्यक्रम स्थल तक पैदल जाना पड़ा। बाद में ट्रैक्टर बुलाया गया। रस्सी के सहारे गाड़ी को कीचड़ से खींचकर बाहर निकलवाया गया। घटना पीलीभीत के गजरौला इलाके के शिव नगर गांव की है। पहले 2 फोटो देखिए… मंत्री के 6 कार्यक्रम, शाम को फंसी गाड़ी
दरअसल, केंद्रीय राज्य मंत्री जितिन प्रसाद रविवार को शाहजहां में थे। उनके अपने संसदीय क्षेत्र पीलीभीत और गृह जनपद पीलीभीत में 6 अलग-अलग जगहों पर कार्यक्रम लगे थे। गजरौला इलाके के शिव नगर गांव में जन चौपाल लगी थी। शाम करीब साढ़े 5 बजे मंत्री जितिन प्रसाद गांव पहुंचे। वे अपनी गाड़ी से सभा स्थल की ओर जा रहे थे। लेकिन गाड़ी 20 मीटर पहले ही कीचड़ में फंस गई। सभा स्थल तक जाने वाले रास्ते पर बारिश के चलते कीचड़ हो गया था। गाड़ियों के आने-जाने से गड्‌ढे हो गए हैं। लेकिन, पीडब्ल्यूडी विभाग और अन्य निर्माण संस्थाओं ने इस पर ध्यान नहीं दिया था। मंत्री बोले- पहले केवल पैसे वाले बढ़ पाते थे
शिव नगर गांव में जाने से पहले मंत्री जितिन प्रसाद पीलीभीत के पूरनपुर पहुंचे थे। वहां उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार के अच्छे काम गिनाए। बोले- पहले की सरकारों में केवल पैसे वाले लोग ही आगे बढ़ पाते थे। अब गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए भी अवसरों के द्वार खुल रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार तकनीक को गांव-गांव तक पहुंचा रही है। इससे हर तबके का व्यक्ति विकास की दौड़ में शामिल हो सकेगा। उन्होंने बताया, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी आधुनिक तकनीक अब सिर्फ महानगरों तक सीमित नहीं रहेगी। AI डेटा सेंटर का उद्घाटन किया
मंत्री ने पकड़िया में इंटेल द्वारा संचालित इंडिया एआई डेटा लैब का उद्घाटन भी किया। कहा- इंडिया एआई डेटा लैब जैसी पहल कस्बों और गांवों के युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण देगी। इससे उन्हें भविष्य के लिए तैयार किया जाएगा। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार और अवसर सृजित होंगे। साथ ही क्षेत्र का समग्र विकास भी होगा। जनता से अपील की कि वे इस अवसर का लाभ उठाएं। उन्होंने लोगों से अपने बच्चों को तकनीकी शिक्षा की ओर प्रेरित करने को कहा। उन्होंने यह भी कहा कि अब सोच बदलने की जरूरत है। तकनीक अपनाने से ही बदलाव संभव है। राजीव गांधी के करीबी रहे जितिन के पिता
जितिन प्रसाद कांग्रेस के युवा नेताओं में से एक रहे हैं। उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का करीबी माना जाता था। उनके पिता जितेंद्र प्रसाद पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हा राव के राजनीतिक सलाहकार रहे। जितेंद्र प्रसाद यूपी कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उपाध्यक्ष भी रहे थे। जितिन का जन्म 29 नवंबर 1973 को यूपी के शाहजहांपुर में हुआ। उन्होंने अपनी पढ़ाई देहरादून के दून स्कूल से की। यहीं से राहुल गांधी ने भी पढ़ाई की थी। फिर जितिन दिल्ली गए और श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से बीकॉम ऑनर्स किया। बीकॉम करने के बाद उन्होंने IMI नई दिल्ली से एमबीए किया। जितिन के दादा ज्योति प्रसाद कांग्रेस के नेता थे और उनकी दादी पामेला प्रसाद कपूरथला के रॉयल सिख परिवार से थीं। फरवरी 2010 में जितिन प्रसाद ने पूर्व पत्रकार नेहा सेठ से शादी की। पिता ने सोनिया से की थी बगावत जितिन के पिता जितेंद्र प्रसाद ने साल 2000 में सोनिया गांधी से बगावत कर दी थी। सोनिया के लगातार पार्टी अध्‍यक्ष बने रहने का विरोध करते हुए उनके खिलाफ अध्‍यक्ष पद का चुनाव लड़ा था। हालांकि, उन्‍हें इसमें करारी हार मिली थी। इस चुनाव में सोनिया गांधी को 7,542 वोट और जितेंद्र प्रसाद को महज 94 वोट मिले थे। जितिन के राजनीतिक करियर की शुरुआत ————————– ये खबर भी पढ़ें… ‘माइ नेम इज बबली, अब मैं आपको देख सकती हूं’, PM ने बबली को चश्मा पहनाया; क्रिकेटर विकास से बोले- आगे बढ़ो, हम तुम्हारे साथ ‘माय नेम इज बबली, आई स्टडी इन क्लास 8th। माय स्कूल नेम इज जीवन ज्योति इंस्टीट्यूट फॉर द डिसेबल एट द सारनाथ वाराणसी।’ एक ही सांस में यह जवाब उस बबली का है, जिसे प्रधानमंत्री ने शनिवार को हुई जनसभा के दौरान अपने हाथों से नजर का चश्मा पहनाते समय उससे उसका परिचय लिया। अब तक ब्रेल लिपि की मदद से छू कर पढ़ने वाली बबली अब चश्मे की मदद से आंखों से देखकर पढ़ सकेगी। इसकी खुशी उसके चेहरे पर दिख रही थी। इससे भी ज्यादा खुशी इस बात की थी कि उसे यह चश्मा खुद प्रधानमंत्री ने अपने हाथों से पहनाया है। पढ़ें पूरी खबर…


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