बिहार के किशनगंज के मोतीबाग कर्बला क्षेत्र में रहने वाले ईरानी मूल के शिया मुस्लिम समुदाय की चिंताएं बढ़ गई हैं। विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया के तहत समुदाय के करीब डेढ़ दर्जन लोगों को मतदाता सूची से नाम हटाने के नोटिस मिले हैं। प्रशासन ने कहा – दोबारा दस्तावेज जमा करें इस समुदाय को ‘हिंदुस्तानी ईरानी’ के नाम से जाना जाता है। ये लोग फारसी भाषा बोलते हैं। प्रशासन ने इनसे दोबारा दस्तावेज जमा करने को कहा है। इससे समुदाय में विदेशी घोषित होने की आशंका पैदा हो गई है। चुनाव आयोग ने बिहार में SIR प्रक्रिया के तहत 3 लाख से ज्यादा संदिग्ध मतदाताओं की पहचान की है। इनमें ज्यादातर नेपाल और बंग्लादेश से संबंधित माने जा रहे हैं। सीमावर्ती जिला होने के कारण किशनगंज में यह अभियान तेजी से चल रहा है। SIR से पहले मतदाता सूची में केवल 88 नाम थे दर्ज किशनगंज के ईरानी मोहल्ले में लगभग 600 लोग रहते हैं। SIR से पहले मतदाता सूची में केवल 88 नाम दर्ज थे। अब इनमें से करीब 20 लोगों को नोटिस दिए गए हैं। समुदाय के बुजुर्गों के मुताबिक, उनके पूर्वज मुगल काल में भारत आए थे। मोतीबाग कर्बला के निवासी एहसान अली के अनुसार, उनके पूर्वज 1902 से भारत में हैं। वे घोड़ों का व्यापार करते थे। सोनपुर और किशनगंज के खगड़ा मेले में व्यापार के लिए आए थे और यहीं बस गए। सुप्रीम कोर्ट ने आपत्तियां दर्ज कराने की समय सीमा 15 सितंबर तक बढ़ा दी है।
बिहार के ईरानी मूल के शिया मुस्लिम समुदाय पर संकट:किशनगंज में डेढ़ दर्जन लोगों को मिला SIR नोटिस, वोटर लिस्ट से नाम हटाने की कार्रवाई
