वृंदावन में प्रेमानंद महाराज से बिहार के जादूगर शंकर सम्राट ने मुलाकात की। इस दौरान जादूगर ने पेपर से नोट, अंगूठी से भभूत और मोबाइल की स्क्रीन से बॉल बाहर निकाल दी। जादूगर ने एक-एक कर 11 जादू दिखाए। प्रेमानंदजी ये देखकर खिलखिलाकर हंसते रहे। हैरत भरे अंदाज में पूछा- ये कैसे किया? जादूगर ने महाराज से कहा- हम देश-विदेश में जादू का प्रोग्राम करते हैं। 30,000 से ज्यादा शो किए। इसमें से 20,000 शो चैरिटी के लिए किए हैं। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में नाम भी दर्ज हुआ। अब आपको जादू दिखाना चाहते हैं। इसके बाद करीब 10 मिनट तक प्रेमानंद महाराज को जादू दिखाया। अब जानिए वो 11 जादू जो प्रेमानंद महाराज ने देखे… जादू-1 : पेपर से 500 का नोट बनाया
जादूगर ने टिशू पेपर मांगा। उन्होंने महाराज से कहा- जैसे ये पेपर है। अब एक मिनट बाद आप देखोगे, ये पेपर क्या बन जाएगा। फिर उन्होंने कागज को हाथ से मसला। अब पेपर की जगह 500 रुपए की नोट निकली। जादूगर ने महाराज से पूछा ये आपको क्या दिखाई दे रहा है। तब महाराज हंसते हुए बोले- ये क्या हुआ। यार ये तो अच्छा है। जादू-2 : अंगूठी को बनाया खुबानी
जादूगर ने एक अंगूठी ली। बोले- इसे गौर से देखिएगा। अंगूठी के ऊपर हाथ को घुमाया और खुबानी (ड्राई फ्रूट) दिखने लगा। जादूगर ने कहा- ये गजब हो गया। वहां खड़े लोगों को दिखाकर बोले- आप खा लेना। फिर हाथ घुमाया तो वापस अंगूठी आ गई। जादूगर ने कहा- इतना नजदीक से जादू दिखाना, चीजों को गायब करना, वापस लाना यही हमारी कला है। स्टेज पर तो हम लोग हाथी तक को गायब कर देते हैं। जादू-3 : हाथ की मुट्ठी से सिक्का गायब किया
जादूगर ने वन सेंट (अमेरिकन करेंसी) ली। फिर बोले- आप ये जानने की कोशिश करिएगा कि ये हिप्नोटिज्म है या ट्रिक। इतना पास से जादू देख रहे आप लोग। अब एक रुपए का सिक्का और एक सेंट दोनों को हाथ में लिया। सेंट को मुट्ठी के अंदर रखा और रुपए को मुट्ठी के ऊपर। फिर एक रुपए का सिक्का जेब में रख लिया। जादूगर ने कहा- अब देखो ध्यान से। आपके हिसाब से क्या होना चाहिए मुट्ठी में। इस पर महाराज बोले- इसमें तो वन सेंट ही होना चाहिए। तभी जादूगर ने अपनी मुट्ठी खोली, हथेली में एक रुपए का सिक्का और वन सेंट दोनों थे। ये देखते ही महाराज दोनों हाथों से ताली बजाते हुए हंसने लगे। बोले- अरे यार ये तो कमाल है। जादू-4 : मुट्ठी में दोनों सिक्के दिखे
अब जादूगर ने सेंट को जेब में रखा और एक रुपए के सिक्के को मुट्ठी के ऊपर रखा। महाराज से पूछा- अब इसमें क्या है। तो महाराज बोले- इसमें छोटा सिक्का सेंट होना चाहिए। तब जादूगर ने मुट्ठी खोली। उसमें दोनों सिक्के थे। देखते ही महाराज फिर ठहाके लगाकर हंसने लगे। जादू-5 : सिक्का जेब में रखा, फिर मुट्ठी में मिला
जादूगर ने अब एक रुपए का सिक्का जेब में रख लिया। फिर मुट्ठी बंद की। महाराज से पूछा, अब इसमें क्या है। तो महाराज बोले- छोटा सिक्का है। तभी जादूगर ने मुट्ठी खोली। तो सेंट ही था। ये देखते ही महाराज बोले- अरे यार ये तो चमत्कार है। वाकई में क्या बात है। जादू-6 : 500 की नोट से 100-100 की नोट निकाली
जादूगर ने अपनी जेब से 500 रुपए की नोट निकाली। इसे हाथों से रगड़ने लगे। देखते ही एक झटके में 100-100 रुपए के नोट निकलने लगे। महाराज जोर-जोर से हंसते हुए बोले- अरे यार ये तो बहुत मजेदार है। जादूगर ने कहा- बहुत लोग बोलते हैं, बस यही वाला जादू सिखा दीजिए। और कुछ नहीं। महाराज बोले- यार ये तो गजब हो गया। जादू- 7 : अंगूठी को बनाया भभूत
जादूगर ने एक बड़ा पेपर मांगा। फिर किसी से एक अंगूठी मांगी। बोले- वापस मिल जाएगी। घबराएं नहीं। इसके बाद अंगूठी को पेपर के ऊपर झाड़ने लगे। तभी देखते ही देखते ही अंगूठी से भभूत निकलने लगी। फिर वापस अंगूठी जिसकी थी, उसे दे दी। जादू- 8 : मोबाइल से बॉल बाहर निकाली
जादूगर ने अपना मोबाइल निकाला। मोबाइल की स्क्रीन महाराज को दिखाई। स्क्रीन में बॉल (खेलने वाली गेंद) वाला कवर लगा था। तभी जादूगर ने मोबाइल से बॉल निकाल कर हाथ में ले ली। महाराज हंसते हुए बोले- अरे मोबाइल से ही निकाल लिया। वाह भाई वाह। जादू-9 : सबके मोबाइल का टाइम चेंज किया
जादूगर ने महाराज से बोला- आप 1 से लेकर 9 तक कोई एक अक्षर बोलो। कुछ भी। तभी महाराज के शिष्य ने बोला- सात। मोबाइल दिखाते हुए जादूगर बोले- अब देखना ये घड़ी 7 मिनट पीछे जाएगी। 7:40 है न अभी। अब देखिएगा सभी लोग। देखिए 7:33 दिख रहा है न। सभी लोग देखें, ये टाइम सबके मोबाइल में बज रहा है। महाराज आश्चर्य करते हुए बोले- ये कैसे हुआ। ये तो खुला चमत्कार है। पहले इतने रुपए निकाल लिए। मोबाइल से गेंद निकाल ली। अब ये। जादू-10 : हाथ घड़ी का टाइम मन मुताबिक बदला
जादूगर बोले- महाराज जी लंदन में मैंने घड़ियों का टाइम चेंज कर दिया था। सबसे पूछा- घड़ी बांधते हैं आप लोग। एक लोग ने अपनी घड़ी दी। घड़ी में पौने सात बज रहा है। आपको घड़ी में कितना टाइम देखना है। पास में खड़े एक लोग बोले- 7:05। जादूगर ने घड़ी पर हाथ फिराया, फिर बोले- ये देखो। बज रहा है। सेकेंड की सुई चल रही है। महाराज बोले- अरे ये तो सब आपके हाथों का चमत्कार है। जादूगर ने कहा- ये कला है महाराज जी। आपका बहुत नाम सुना था। तो आज आपसे मिलने की इच्छा जाहिर हुई। जादू-11 : खाली टोकरी से माला निकाली
जादूगर ने लाल टोकरी मंगाई। टोकरी को उलट-पलटकर दिखाया। टोकरी खाली थी। लेकिन जैसे ही जादूगर ने टोकरी पर हाथ फेरा, उससे एक माला निकाल दी। इसे महाराज को भेंट किया। देखते ही महाराज खुशी से खिलखिलाते हुए बोले- राधे-राधे। —————————– ये खबर भी पढ़ें : प्रेमानंदजी 40 साल से अपने गांव नहीं लौटे, जिस स्कूल में पढ़े, वो जर्जर; दोस्त बोले- संन्यासियों की सेवा के लिए स्कूल छोड़ देते थे गांव के बीच में शिव मंदिर, वहां पूजा करती महिलाएं। खेतों में गेहूं की कटाई चल रही है। लोग चबूतरे पर बैठे देश-दुनिया की बात कर रहे हैं। यह सीन है कानपुर के अखरी गांव का। यहां प्रेमानंद का जिक्र होते ही लोग तपाक से कहते हैं- कौन अनिरुद्ध पांडेय? वो तो यही के रहने वाले हैं। यहीं पास में उनका घर है। ये सामने के शिव मंदिर में ही तो पूजा किया करते थे। पढ़िए पूरी खबर…
प्रेमानंद महाराज के सामने कागज से नोट बनाया:खिलखिलाकर हंसे, पूछा- ये कैसे किया; बिहार के जादूगर ने एक-एक कर 11 जादू दिखाए
