लखीमपुर में एक पिता अपने नवजात बच्चे का शव झोले में लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचा। यह देख अफरा-तफरी मच गई। पिता ने रोते हुए CDO अभिषेक सिंह और CMO डॉक्टर संतोष गुप्ता से अपना दर्द सुनाया। कहा, प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों ने 25 हजार रुपए की डिमांड की। जेब में सिर्फ 5 हजार रुपए थे, जो जमा कर दिए। बावजूद इसके इलाज नहीं किया गया। डॉक्टरों ने गर्भ में पल रहे बच्चे की जान ले ली। 28 साल की पत्नी की जान पर भी बन आई है। DM दुर्गा शक्ति नागपाल ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं। सीएमओ ने अस्पताल को सील करा दिया है। DM ने महिला के इलाज का खर्च खुद उठाने का भरोसा दिया। मामला महेवागंज स्थित गोलदार अस्पताल का है। वहीं मामले में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने तीन सदस्यों की जांच कमेटी बनाई है। आशा बहू को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सीएमओ को प्रसूता का निशुल्क इलाज के निर्देश दिए हैं। 2 फोटो देखिए… अब जानिए पूरा मामला… रात को प्रसव पीड़ा बढ़ने पर अस्पताल में कराया भर्ती भीरा थाना क्षेत्र के नौसर जोगी गांव निवासी विपिन गुप्ता की पत्नी रूबी गुप्ता गर्भवती थीं। बुधवार की रात प्रसव पीड़ा होने पर रूबी को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिजुआ में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टरों ने विपिन को बताया, अभी डिलीवरी का समय अभी नहीं है। लेकिन रूबी की हालत देखते हुए उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। इसी बीच रूबी की बहन ने गांव की आशा बहू दीपा से संपर्क किया। दीपा ने रूबी को महेवागंज स्थित गोलदार हॉस्पिटल भेजने की सलाह दी। बुधवार रात ढाई बजे महिला को गोलदार हॉस्पिटल ले जाया गया। मौजूद डॉ. हुकुमा गुप्ता और मनीष गुप्ता ने जांच की और परिजनों से 10 हजार रुपए नार्मल डिलीवरी और 12 हजार रुपए छोटे ऑपरेशन के नाम पर मांगे। ऑपरेशन करने से पहले 25 हजार रुपए जमा कराए
परिजनों का आरोप है कि रूबी की हालत बिगड़ने पर डॉक्टरों ने ऑपरेशन करने से पहले 25 हजार रुपए जमा करने की बात कही। विपिन गुप्ता ने तत्काल 5 हजार रुपए दिए और बाकी रकम सुबह तक देने का भरोसा दिया। आरोप है कि डॉक्टरों ने इलाज में टालमटोल शुरू कर दी। हालात बिगड़े तो डॉक्टरों ने इलाज से हाथ खड़े कर दिए
आरोप है कि गोलदार अस्पताल में इलाज शुरू होते ही महिला की हालत और ज्यादा गंभीर हो गई। जब स्थिति नाजुक हो गई, तो डॉक्टरों ने इलाज से हाथ खड़े कर दिए। इतना ही नहीं, अस्पताल की नर्सों की मदद से महिला को जबरन अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया। बेबस विपन पत्नी रूबी को गंभीर हालत में शहर के सृजन अस्पताल लेकर गया। वहां डॉक्टरों ने बताया, गर्भ में पल रहा बच्चा पहले ही मर चुका है और प्रसूता को गलत दवाइयां दी गई थीं। बाद में ऑपरेशन कर मृत बच्चे को बाहर निकाला गया। फिलहाल मां की हालत गंभीर बनी हुई है। विपिन रोते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचा शुक्रवार को पिता विपिन गुप्ता बच्चे का शव झोले में रखकर जिला मुख्यालय पहुंचा। पहले उन्होंने डीएम कार्यालय और फिर पुलिस अधीक्षक कार्यालय में अधिकारियों को शिकायती पत्र देकर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की। जहां बच्चे का शव झोले में देखकर लोग स्तब्ध रह गए। विपिन का कहना है कि गोलदार हॉस्पिटल के डॉ. मनीष गुप्ता और हुकुमा गुप्ता ने लालच और लापरवाही से उनके बच्चे की जान ले ली। आरोप लगाया कि इलाज की जगह दोनों डॉक्टर लगातार पैसे की मांग करते रहे। विपिन ने आरोपियों पर भ्रूण हत्या और मरीज की जान जोखिम में डालने का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। CMO ने अस्पताल सील कराया
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संतोष गुप्ता ने बताया- मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। टीम मौके पर भेजकर महेवागंज स्थित गोलदार अस्पताल को सील कर दिया गया है। डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल बोलीं- इलाज का खर्च मैं उठाऊंगी
मामले की जानकारी डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल को भी हुई। उन्होंने बताया, अस्पताल को सील करा दिया गया है। खुद सीएमओ और एसडीएम सदर टीम के साथ मौके पर पहुंचे थे। अस्पताल में भर्ती मरीजों को सुरक्षित रूप से जिला महिला अस्पताल शिफ्ट कराया गया है। नवजात की मां का इलाज फिलहाल सृजन अस्पताल में जारी है। एडीएम अनिल कुमार रस्तोगी ने अस्पताल पहुंचकर प्रसूता का हालचाल लिया। डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने कहा, जिले का हर शख्स मेरा परिवार है। प्रशासन हर मदद के लिए तैयार है। प्रसूता के इलाज का पूरा खर्च मैं स्वयं उठाऊंगी। —————————— यह खबर भी पढ़ें… बृजभूषण सिंह ने बाबा रामदेव पर गलती मानी:कहा- ऐसा नहीं कहना चाहिए था, माफी मांगने में कोई शर्मिंदगी नहीं भाजपा के पूर्व सांसद बृजभूषण सिंह ने बाबा रामदेव पर टिप्पणी को लेकर अपनी गलती मान ली है। गोंडा में उन्होंने कहा-मैं मानता हूं कि जो बयान दिया, वह गलत था। मेरे मुंह से कुछ शब्द निकल गए। बाद में मुझे महसूस हुआ कि ऐसा नहीं कहना चाहिए था। पूर्व सांसद ने कहा- बचपन से मैंने एक उसूल बनाया है कि किसी शरीफ या गरीब को अपमानित नहीं करूंगा। अगर भूल से ऐसा हो जाए तो उससे माफी मांगने में कोई शर्मिंदगी नहीं होनी चाहिए। पढ़ें पूरी खबर…
पिता झोले में नवजात का शव लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचा:बोला- डॉक्टरों ने बच्चे की जान ली; लखीमपुर CMO ने अस्पताल सील कराया
