मैंने मम्मी (ममता) से कहा, मुझे चाकलेट खानी है। वो मुझे मार्केट लेकर गईं थीं। मैं राधा स्टूडियो के पास एक दुकान से चॉकलेट खरीदकर मुड़ी ही थी कि देखा- पापा ने मम्मी पर पिस्टल तान रखी है, फिर दो धमाके हुए। वो नीचे गिर पड़ीं, तड़प रही थीं। पापा उन्हें देखते हुए वहीं खड़े रहे। ये कहते हुए 15 साल की मुक्ति रोने लगी। वो शाहपुर थाने में अपना बयान नोट करवा रही थी। पिता विश्वकर्मा चौहान के खिलाफ FIR कराने वाली मुक्ति ने ही खजनी के श्मशान घाट पर अपनी मां को मुखाग्नि दी। अब उसकी देखभाल उसके मामा कर रहे हैं। मामा डरे हुए हैं कि अगर विश्वकर्मा जेल से छूटा, तो मुक्ति को भी नुकसान पहुंचा सकता है। उन्होंने यह आशंका पुलिस के सामने भी जाहिर की है। मुक्ति ने पुलिस को जो बयान दिए, वो पढ़िए… मुक्ति बोली- मैं मुड़ी तो पापा पिस्टल लेकर खड़े थे
पुलिस ने पूछा- बेटा, अपने बारे में बताओ? मुक्ति ने बताया- मैं मम्मी (ममता) के साथ शाहपुर के गीता वाटिका के पास किराए के मकान में रहती थी। घर के पास ही एक इंग्लिश मीडियम स्कूल है, वहीं 8वीं क्लास में पढ़ती हूं। मेरी मम्मी बैंक रोड पर ट्रस्ट वैली फोरेक्स बैंक में जॉब करती थीं। पुलिस ने पूछा- 3 सितंबर की शाम को क्या हुआ था? मुक्ति ने कहा- मैं मम्मी के साथ ही घर पर थी। उनके साथ स्कूटी पर बैठकर बैंक रोड तक साथ ही गई थी। शाहपुर में मम्मी ने राधिका स्टूडियो के सामने स्कूटी रोककर मुझसे कहा, यहां से फोटो ले लेते हैं, फिर घर चलते हैं। तभी मैंने कहा- मम्मी में बगल वाली दुकान से चॉकलेट खरीदकर आती हूं। उन्होंने मुझसे कुछ और भी सामान लेने के लिए कहा था। मैं राधा स्टूडियो के पास ही एक दुकान से सामान लेने लगी, जब मैं मुड़ी तो देखा कि पापा राधिका स्टूडियो के पास थे। मुझे लगा कि वो मम्मी से बात करने आए हैं, ऐसे ही वो अचानक घर भी आ जाया करते थे। मैं हाथ में सामान लेकर मम्मी की तरफ बढ़ी, इतने में पापा ने अपने पास से पिस्टल निकालकर मम्मी के ऊपर तान दी, फिर धमाका सुनाई दिया। उन्होंने 2 गोलियां चलाईं। मैं इतनी घबरा गई कि चीखना चाहा, मगर आवाज गले में ही घुट गई। मुझे लगा पापा मुझे ही न मार दें, मैं सहम गई
मेरी आंखों के सामने मम्मी जमीन पर गिर गई थी। खून से लथपथ थीं, तड़प रही थीं। मैंने कभी उन्हें इस हालात में नहीं देखा था। मैंने नजरें उठाकर पापा की तरफ देखा, वो वहीं पर खड़े मम्मी को तड़पते देख रहे थे। एक बार लगा कि उन्हें अच्छा लग रहा है, वो ऐसा कैसे कर सकते थे। अचानक मेरे मन में ख्याल आया कि वो गुस्से में आए थे। ऐसा न हो कि मुझे देखकर मुझे भी गोली मार दें। थोड़ी देर वहीं ठहरी रही, तब तक लोगों की भीड़ लग गई। सब लोग जल्दी-जल्दी मम्मी को हॉस्पिटल लेकर गए। मैं भी उनके साथ थी। डॉक्टर ने देखने के बाद कहा- अब तुम्हारी मम्मी नहीं रहीं। वो मुझे छोड़कर जा चुकी थीं। पापा के अफेयर, वो मम्मी पर शक करते थे
मेरे पापा के अलग-अलग लड़कियों से अफेयर थे, मगर वो मम्मी पर ही शक करते थे। इस बात को लेकर उनके बीच लड़ाई भी होती रहती थी। मेरी मम्मी बहुत अच्छी थीं। मेरी खुशी के लिए वह दिन रात मेहनत करती थीं। मेरी हर ख्वाहिश हंसते-हंसते पूरी कर देती थीं। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरे ही पापा मेरी खुशियां एक पल में हमेशा के लिए छीन लेंगे। मामा ने कहा- भांजी अब मेरी जिम्मेदारी
ममता का मायका खजनी इलाके में है। उनके पिता की मौत हाे चुकी है। अब ममता के 3 भाई संदीप चौहान, शनि चौहान और संजीव उर्फ सुभाष मां के साथ लुधियाना में रहते हैं। ममता की मौत के बाद मुक्ति ने पहली जानकारी अपने मामा संदीप को दी थी। इसके बाद संदीप ने दूसरे रिश्तेदारों को कॉल करके वहां भेजा, जहां पर विश्वकर्मा ने ममता को गोली मारी थी। 4 सितंबर की दोपहर संदीप अपने भाइयों के साथ लुधियाना से गोरखपुर पहुंचे। इसके बाद पोस्टमॉर्टम कराकर ममता का शव शाम 4 बजे खजनी लेकर गए। वहां उनका पुश्तैनी घर अभी भी मौजूद है। संदीप ने फोन पर बताया- मेरी भांजी मुक्ति ने ही ममता का दाह संस्कार किया है। अब भांजी के सुरक्षा की जिम्मेदारी मेरी है। इसे अपने साथ ही रखूंगा, हमें डर हैं कि अगर विश्वकर्मा छूट जाता है, तो वह मुक्ति को भी नुकसान पहुंचा सकता है। क्योंकि मुक्ति पूरे मामले की चश्मदीद है। वह केस की वादी भी है। इसके बाद दैनिक भास्कर ने विश्वकर्मा के पिता से भी पूरे मामले पर बात की… ससुर बोले- जमीन मांग रही थी बहू, चाल-चलन ठीक नहीं था
विश्वकर्मा चौहान के पिता नोखई ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा- मेरे बेटे ने गलत किया, ये बिल्कुल सही बात है। मगर मेरी बहू का चाल-चलन भी ठीक नहीं था। वह नौकरी करती थी। उसका काम शाम 5-6 बजे तक खत्म हो जाता था, लेकिन वह घर रात में 9-10 बजे तक ही आती थी। घर आने के बाद बहू रोज मेरे बेटे से झगड़ा करती थी। हम लोगों की बात भी नहीं सुनती थी। इधर, जब से तलाक का प्रोसेस चल रहा था। बहू कहने लगी थी- पहले जमीन मेरे नाम लिखो, उसके बाद ही मैं तलाक के पेपर पर साइन करूंगी। इससे मेरा बेटा परेशान था, इसी आवेश में आकर उसने यह सब कर डाला। अब विश्वकर्मा का जेल में क्या रूटीन है, हमने जेल अधीक्षक से बात की, पढ़िए बैरक में पुशअप लगाए, बोला- अब सुकून मिला
ममता की हत्या के बाद पुलिस ने विश्वकर्मा चौहान को अरेस्ट किया। कोर्ट में पेश करने के बाद उसे जिला जेल भेजा गया। वहां विश्वकर्मा कैसे रह रहा है? ये जानने के लिए हमने जेलर अरुण कुमार से बात की। उन्होंने बताया- विश्वकर्मा समेत जो नए बंदी जेल आए थे। उन्हें क्वारैंटाइन रखा गया है। इस बैरक का नंबर 16 है, हम इसको मिलेनियम बैरक कहते हैं। विश्वकर्मा यहां आने के बाद पहले ही दिन बाकी बंदियों के साथ घुलमिल गया। हम उस पर नजर रख रहे हैं, वो बंदियों के साथ हंसी-मजाक करते हुए देखा गया। बंदियों से कहा- ममता (पत्नी) की वजह से मैं कई दिनों से टेंशन में था। सो नहीं पाता था, उसका चेहरा मेरी आंखों के सामने गुजरता था। बहुत परेशान हो गया था। भले ही दुनिया के लिए मैं ‘हत्यारा’ हूं। मगर अब बहुत सुकून मिला है। जेल प्रशासन के मुताबिक, वह नॉर्मल दिनों की तरह ही बैरक में कसरत करते देखा गया। वो पुशअप लगा रहा था। खाना भी उसने सामान्य तरीके से खाया। बंदियों के साथ वह नॉर्मल बिहेवियर कर रहा है। …….. ये खबर भी पढ़ें… गोरखपुर में पति ने गोली मारकर की पत्नी की हत्या, स्टूडियो में फोटो खिंचवाने गई थी, कहासुनी के बाद बीच बाजार की फायरिंग गोरखपुर में बुधवार रात 8 बजे पति ने बीच बाजार अपनी पत्नी को गोली मार दी। खून से लथपथ हालत में पत्नी को लोगों ने प्राइवेट हॉस्पिटल में पहुंचाया। वहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। पति हेलमेट में पिस्टल रख लाया था। पत्नी को गोली मारने के बाद पति करीब 25 मिनट तक वहीं खड़ा रहा। इस बीच वह कहता रहा- मैं इससे बहुत परेशान हो गया था। इस बीच किसी ने पुलिस को सूचना दे दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने पति को हिरासत में ले लिया। वारदात शाहपुर इलाके जेल रोड की है। पढ़ें पूरी खबर…
पापा ने मेरे सामने मम्मी को गोली मार दी:गोरखपुर में 15 साल की बेटी ने मुखाग्नि दी, बोली- हाथ कांप रहे थे
