पलामू में सोमवार को प्रसव पीड़ा से जूझ रही चंपा देवी को गांव के लोग खटिया पर लिटाकर धुरिया नदी पार करवाकर अस्पताल ले गए। नदी में छाती तक पानी भरा था। पानी का तेज बहाव जरा-सी चूक में सभी को बहा ले जाता, लेकिन ग्रामीणों ने हिम्मत दिखाई और महिला को सुरक्षित नदी के उस पार पहुंचाया। नदी पार करने के बाद ग्रामीणों ने ममता वाहन या एंबुलेंस के लिए अधिकारियों को फोन करते रह गए पर किसी ने फोन नहीं उठाया। मजबूरी में ग्रामीणों ने चंदा जुटाकर निजी वाहन का इंतजाम किया और चंपा देवी को अस्पताल ले गए। आजादी के बाद भी पुल का इंतजार राजखाड़ अंबेडकर नगर और आसपास के गांवों की सबसे बड़ी समस्या धुरिया नदी पर पुल का न होना है। हर बारिश में गांव बाहरी दुनिया से कट जाता है। स्कूल, अस्पताल और बाजार जाने के लिए लोगों को नदी पार करनी पड़ती है। ग्रामीण कई बार पुल बनाने की मांग कर चुके हैं। लेकिन प्रशासन और सरकार संज्ञान नहीं ले रही है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक पुल नहीं बनेगा, हर साल बरसात में किसी न किसी की जिंदगी इस नदी की धार में फंसकर संकट में पड़ती रहेगी। क्या कहते हैं सिविल सर्जन सिविल सर्जन अनिल कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि मामले की जानकारी मिली है। स्वास्थ्य सुविधा की मांग के बाद भी नहीं मिलना गंभीर विषय है। एंबुलेंस नहीं पहुंचना लापरवाही है। इसकी जांच कर कार्रवाई करेंगे।
पलामू में उफनती नदी पार कर गर्भवती को पहुंचाया अस्पताल:ममता वाहन का इंतजार करते रहे ग्रामीण, सिविल सर्जन जवाब- एंबुलेंस नहीं पहुंचना लापरवाही, होगी कार्रवाई
