परबत्ता के कोलवारा गांव में बिहुला-विषहरी पूजा:सिंह नक्षत्र में हुई प्रतिमा स्थापना, उमड़ी भक्तों की भीड़; 6 दशकों से चली आ रही परंपरा

परबत्ता के कोलवारा गांव में बिहुला-विषहरी पूजा:सिंह नक्षत्र में हुई प्रतिमा स्थापना, उमड़ी भक्तों की भीड़; 6 दशकों से चली आ रही परंपरा
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खगड़िया जिले के परबत्ता प्रखंड के कोलवारा गांव में बिहुला-विषहरी पूजा का आयोजन किया गया। कोलवारा पंचायत के वार्ड नंबर 18 स्थित विषहरी मंदिर में 16 अगस्त की देर रात सिंह नक्षत्र में प्रतिमा स्थापना की गई। भागलपुर के अमरी विशनपुर के मूर्तिकार छीतन दास ने देवी की प्रतिमाओं को तैयार किया। इस अवसर पर जया विषहरी, पदुम कुमारी, दोतिला भवानी, मैना विषहरी, देवी विषहरी, सती बिहुला, बाला लखेंद्र और चंद्रधर सौदागर की प्रतिमाएं स्थापित की गईं। स्थानीय निवासी अनरूद्ध दास, सुदीन दास, जयप्रकाश दास और अन्य ने बताया कि पिछले 60 वर्षों से यह पूजा श्रद्धा से की जा रही है। रात में स्थानीय कलाकार बिहुला-विषहरी कथा पर आधारित नृत्य-नाट्य और झांकी का मंचन करते हैं। पौराणिक कथा के अनुसार, विषहरी शिव की पुत्री हैं। भागलपुर चंपानगर के व्यापारी चांदो सौदागर उनकी पूजा नहीं करते थे। इससे क्रुद्ध होकर विषहरी ने उनके वंश का नाश करने का निर्णय लिया। चांदो के पुत्र बाला लखेंद्र की शादी बिहुला से हुई थी। विवाह की रात सिंह नक्षत्र में विषहरी के भेजे नाग ने बाला लखेंद्र को डस लिया। विषहरी पूजा समिति कोलवारा पूजा और मेले की व्यवस्था संभालती है। खगड़िया जिले के साथ-साथ आसपास के जिलों से भी श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं।


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