देशभर के 302 मंत्री (करीब 47%) खुद पर आपराधिक केस होने की बात स्वीकार कर चुके हैं। इनमें 174 मंत्री ऐसे हैं, जिन पर हत्या, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे गंभीर आरोप हैं। वहीं, केंद्र सरकार के 72 मंत्रियों में से 29 (40%) ने आपराधिक केस होने की बात मानी है। यह जानकारी चुनाव सुधार संस्था ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (ADR) की रिपोर्ट में सामने आई है। ADR ने 27 राज्यों, 3 केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्र सरकार के कुल 643 मंत्रियों के शपथ पत्रों (एफिडेविट) का विश्लेषण किया। एडीआर ने यह भी कहा कि जिन शपथ पत्रों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई है, वे 2020 से 2025 के बीच चुनावों के दौरान दाखिल हुए थे। इन मामलों की स्थिति बदल भी सकती है। केंद्र सरकार ने हाल ही में एक प्रस्ताव रखा था, जिसमें प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को गंभीर आपराधिक मामलों में 30 दिन की गिरफ्तारी के बाद पद से हटाने की बात कही गई थी। इसके कुछ दिन बाद यह रिपोर्ट सामने आई है। पार्टीवार स्थिति मंत्रियों की संपत्ति का विश्लेषण पार्टीवार अरबपति मंत्री राज्यवार स्थिति आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, ओडिशा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और पुडुचेरी में 60 प्रतिशत से ज्यादा मंत्री आपराधिक मामलों में आरोपी हैं। दूसरी ओर हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, नागालैंड और उत्तराखंड के किसी भी मंत्री पर कोई आपराधिक केस दर्ज नहीं है। 143 महिला सांसदों-विधायकों पर आपराधिक मामले चुनाव सुधार पर काम करने वाले NGO एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने महिला सांसद और विधायकों को लेकर रिपोर्ट जारी की है। इसमें सामने आया है कि देश की कुल 512 महिला सांसदों और विधायकों में से 28% यानी 143 पर क्रिमिनल केस दर्ज है। इनमें से 78 (15%) पर हत्या, किडनैपिंग जैसे गंभीर आरोप हैं। वहीं, 17 महिला नेताओं ने अपने चुनावी हलफनामों में अरबपति (100 करोड़ या उससे अधिक संपत्ति) होने का दावा किया है। इनमें लोकसभा की 6, राज्यसभा की 3 और विधानसभा की 8 महिलाएं हैं। 512 महिला सांसदों-विधायकों की कुल घोषित संपत्ति 10,417 करोड़ रुपए है। औसतन हर एक के पास 20.34 करोड़ रुपए की संपत्ति है। पूरी खबर पढ़ें… ………………………… ADR रिपोर्ट से जुड़ीं ये खबर भी पढ़ें… देश के आधे सांसदों-विधायकों पर क्रिमिनल केस: महिलाओं से जुड़े अपराध वाले राज्यों में पश्चिम बंगाल सबसे आगे, आंध्र दूसरे नंबर पर केंद्र सरकार ने हाल ही में संसद में 130वां संविधान संशोधन विधेयक पेश किया है। इस विधेयक में प्रावधान है कि यदि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री किसी आपराधिक मामले में गिरफ्तार होकर 30 दिन तक जेल में रहते हैं, तो उन्हें पद से हटाया जा सकेगा। वर्तमान में स्थिति यह है कि देशभर में 45% विधायक और 46% सांसदों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। पूरी खबर पढ़ें…
देश के 47% मंत्रियों पर क्रिमिनल केस:653 मंत्रियों में से 174 पर मर्डर-रेप जैसे गंभीर आरोप; इनमें भाजपा के 136, कांग्रेस के 45 मिनिस्टर
