झारखंड में विस्थापन और पुनर्वास आयोग बनेगा। कैबिनेट की मंगलवार को हुई बैठक में इसकी मंजूरी दी गई। कैबिनेट ने आयोग की नियमावली भी मंजूर कर ली। अध्यक्ष, सदस्य सचिव या सदस्यों की नियुक्ति का मानदंड भी तय कर लिया गया है। राज्य में विभिन्न कारणों से विस्थापित हुए करीब 1.57 लाख परिवार इससे लाभान्वित होंगे। विधानसभा के मानसून सत्र में गैर सरकारी संकल्प पर जवाब देते हुए राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दीपक बिरुआ ने शीघ्र ही आयोग के गठन का आश्वासन दिया था। उन्होंने कहा था कि कैबिनेट को यह प्रस्ताव भेज दिया गया है। मंगलवार को इस प्रस्ताव और इसकी नियमावली को मंजूरी दे दी गई। गौरतलब है कि उद्योगों, खनन, बांधों और जलाशयों के लिए भूमि अधिग्रहण के कारण विस्थापित परिवारों को अक्सर नौकरी, उचित मुआवजा और पुनर्वास जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आयोग की नियमावली भी मंजूर राज्य सरकार मनोनीत करेगी अध्यक्ष और सदस्य, तीन साल का होगा कार्यकाल आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों को सरकार मनोनीत करेगी। इनका कार्यकाल तीन साल का होगा। एक माह की पूर्व सूचना पर ये इस्तीफा दे सकते हैं। विशेष परिस्थिति में सरकार इन्हें पदमुक्त भी कर सकती है। ये अहम फैसले भी… कला, भाषा व साहित्य पर जोर, तीन अकादमी बनेगी: झारखंड सरकार ने कला, भाषा और साहित्य पर विशेष जोर दिया है। अब राज्य में झारखंड राज्य ललित कला अकादमी, झारखंड साहित्य अकादमी और झारखंड राज्य संगीत नाटक अकादमी का गठन किया जाएगा। कैबिनेट ने इन तीनों प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है।
झारखंड सरकार ने 67 प्रस्तावों को दी मंजूरी:विस्थापन व पुनर्वास आयोग बनेगा, 1.57 लाख परिवारों को होगा लाभ
