गयाजी में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) से कुछ दिन पहले निकाले गए पूर्व प्रदेश महासचिव लक्ष्मण मांझी ने केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कहा कि जीतन राम मांझी खुद मान चुके हैं कि अगर उन्हें 16 सीट पर मौका मिलेगा तो उसमें से सिर्फ 8 पर जीत पाएंगे। यानी चुनाव मैदान में उतरने से पहले ही 50 प्रतिशत हार स्वीकार कर चुके हैं। बाकी की हार जनता उन्हें चखाएगी। यही कारण है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में हम पार्टी 4 सीटों तक सिमट जाएगी। पार्टी के संरक्षक कभी 40 सीट, कभी 20 तो कभी 16 सीट पर चुनाव लड़ने की बात कहते हैं। इतना ही नहीं 100 सीट पर भी चुनाव लड़ने की बात कहते हैं। पिता-पुत्र ने सिर्फ अपने परिवार का भला किया प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए लक्ष्मण मांझी ने आगे कहा भुइयां और मुसहर समाज के बीच चल रही न्याय यात्रा में जनता का गुस्सा साफ दिखाई दे रहा है। बाराचट्टी इलाके से लेकर दूसरे हिस्सों तक लोग कह रहे हैं कि मांझी पिता-पुत्र ने केवल अपना और अपने परिवार का भला किया। भुइयां-मुसहर समाज के उत्थान की जगह सत्ता को पारिवारिक कारोबार बना दिया। जीतन राम मांझी खुद सांसद, बेटा मंत्री, बहू विधायक, समधन विधायक, यह परिवारवाद नहीं तो और क्या है। क्या कभी किसी मुसहर, भुइयां, राजपूत, भूमिहार, रविदास, पासवान या गरीब ब्राह्मण को टिकट दिया है। हमेशा अपने परिवार को या फिर किसी धनवान चेहरे को टिकट दिया गया। यही कारण है कि अब समाज में उनके खिलाफ तीखा आक्रोश है। जनता के आदेश पर चुनाव लड़ेंगे लक्ष्मण मांझी यहीं नहीं रुके। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि उनके पास सबूतों की एक फाइल है। जिसमें मांझी पिता-पुत्र के कई काले कारनामे दर्ज हैं। समय आने पर इस फाइल का खुलासा होगा। जब फाइल खुलेगी तो राजनीतिक भूचाल आएगा। विधानसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि हमारा फैसला जनता करेगी। जैसे आदेश मिलेगा हम वैसा ही कदम उठाएंगे।
‘जीतन राम मांझी ने पहले ही मान ली 50% हार’:पार्टी के पूर्व प्रदेश महासचिव ने खोला मोर्चा, कहा- समय आने पर खोलूंगा काले कारनामे की फाइल
