चुनाव आयोग (EC) ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा- पूरे देश में समय-समय पर स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) कराना उसका विशेषाधिकार है। कोर्ट इसका निर्देश देगी तो ये अधिकार में दखल होगा। आयोग ने कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में कहा कि संविधान के अनुच्छेद 324 के अनुसार वोटर लिस्ट बनाना और उसमें समय-समय पर बदलाव करना सिर्फ चुनाव आयोग (EC) का अधिकार है। यह काम न किसी और संस्था और न ही अदालत को दिया जा सकता। चुनाव आयोग ने कहा कि हम अपनी जिम्मेदारी समझते हैं और वोटर लिस्ट को पारदर्शी रखने के लिए लगातार काम करते हैं। यह हलफनामा एडवोकेट अश्विनी कुमार उपाध्याय की याचिका पर दायर किया गया था। याचिका में मांग की गई थी कि चुनाव आयोग को भारत में विशेष रूप से चुनावों से पहले SIR कराने का निर्देश दिया जाए, ताकि देश की राजनीति और नीति केवल भारतीय नागरिक ही तय करें। EC ने 5 जुलाई 2025 को बिहार को छोड़कर सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य चुनाव अधिकारियों (CEO) को पत्र भेजकर 1 जनवरी 2026 की पात्रता तिथि के आधार पर SIR की तैयारियां शुरू करने का निर्देश दिया था। चुनाव आयोग ने कहा- वोटर लिस्ट में बदलाव हमारा अधिकार सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- आधार को पहचान का प्रमाण मानें 8 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बिहार में जारी SIR प्रक्रिया में आधार कार्ड को पहचान प्रमाण के तौर पर अनिवार्य रूप से शामिल किया जाए। चुनाव आयोग को 9 सितंबर तक इस निर्देश को लागू करने का निर्देश दिया था। हालांकि अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि आधार कार्ड नागरिकता का प्रमाण नहीं है। कोर्ट ने EC को निर्देश दिया कि वह वोटर सूची में नाम जुड़वाते समय दिए गए आधार नंबर की प्रामाणिकता की जांच कर सकता है। बिहार में SIR पर विवाद बिहार में 2003 के बाद पहली बार यह SIR प्रक्रिया हो रही है। EC का कहना है कि SIR का उद्देश्य उन लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाना है जो मर चुके हैं, जिनके पास डुप्लीकेट वोटर कार्ड हैं या जो अवैध प्रवासी हैं। लेकिन विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि इस प्रक्रिया से लोगों को वोटिंग अधिकार से वंचित करने की साजिश हो रही है। EC के 24 जून के नोटिफिकेशन के अनुसार, बिहार की अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित की जाएगी। इस प्रक्रिया के बाद बिहार में कुल मतदाता संख्या 7.9 करोड़ से घटकर 7.24 करोड़ रह गई है। करीब 65 लाख नाम हटाए गए। ——————————————– ये खबर भी पढ़ें… भास्कर एक्सप्लेनर- क्या बिहार में 2 करोड़ नाम वोटर लिस्ट से कटेंगे, जानिए 15 सवालों में सभी जवाब बिहार विधानसभा चुनाव से वोटर लिस्ट में विशेष संशोधन प्रक्रिया (SIR) को लेकर बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस, RJD और वाम दलों समेत INDIA गठबंधन ने इसे पक्षपाती और संदिग्ध बताया है। पूरी खबर पढ़ें… देश में एक साथ SIR की तैयारी में आयोग,दो लाख नए BLO जुड़ेंगे; हर एक पर 250 घरों की जिम्मेदारी होगी मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर बिहार में उठे राजनीतिक विवाद के बीच देशभर में इस कवायद की तैयारी है। चुनाव आयोग सभी राज्यों में एक साथ SIR करवाना चाहता है। हालांकि, बिहार से मिले अनुभवों के आधार पर आयोग अपनी प्रक्रियाओं में भी कुछ सुधार करेगा। करीब दो लाख नए बूथ लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) जोड़े जाएंगे। सुनिश्चित किया जाएगा कि 250 घरों पर कम से कम एक चुनाव प्रतिनिधि जरूर हो। पूरी खबर पढ़ें…
चुनाव आयोग बोला- वोटर लिस्ट बनाना, बदलना सिर्फ हमारा काम:SIR कराना विशेष अधिकार, सुप्रीम कोर्ट का निर्देश देना हमारे काम में दखल
