चतरा में पिछले दो दिनों से जारी मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। गिद्धौर, पत्थलगड़ा, इटखोरी, सदर और कान्हाचट्टी प्रखंड के कई गांव में बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। पानी में डूबने और वज्रपात की चपेट में आने से चार लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, लगातार बारिश से सैकड़ों घर जलमग्न हो गए और कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेना पड़ा है। सड़कों पर कमर तक पानी बह रहा है। बारिश से क्षतिग्रस्त सड़कों और पुल-पुलियों के कारण कई गांवों का संपर्क प्रखंड और जिला मुख्यालयों से कट गया है। बारिश की वजह से बसाने नदी, कई नहर भी उफान पर हैं। तालाब का पानी भी लबालब होकर बाहर गली मोहल्लों में भर रहा है। गिद्धौर प्रखंड मुख्यालय पूरी तरह से पानी में डूबा हुआ है। महत्वपूर्ण सरकारी दस्तावेज नष्ट हो गए हैं। पत्थलगड्डा के विद्यालयों में पानी भर जाने से आंगनबाड़ी केंद्रों के प्रपत्र, खाद्यान्न और बच्चों के शैक्षणिक किट बर्बाद हो गए हैं।
कहां कौन सी नदी है उफान पर कान्हाचट्टी में बड़की नदी, गहरी नहरी, रूदवा नदी, बराकर नदी, महाने नदी। इटखोरी में बसाने नदी पत्थलगड्डा में बकुलिया नदी, महाने नदी, बुध नदी, बड़की, बलबल नदी, तरी घटेरी नदी। गिद्धौर के कटघरा गांव में एक दंपती पानी के तेज बहाव में बह गए। 45 वर्षीय सत्येंद्र दांगी का शव मिल गया है। उनकी पत्नी 40 वर्षीय रीना देवी की तलाश जारी है। खैरा में वज्रपात से 32 वर्षीय होमगार्ड केशवा कुजूर की मौत हो गई। वे टंडवा-आम्रपाली कोल परियोजना में तैनात थे। पथलगड्ढा के नून गांव में 70 वर्षीय परमेश्वर साव की नाला पार करते समय पैर फिसलने से मौत हो गई। नावाडीह में वज्रपात से एक भैंस और एक बछड़े की मौत हुई। बरवाडीह में दो बैल बह गए। कई कच्चे मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं। इधर, इस बारिश में किसानों को भी बड़ा झटका लगा है। फुलवरिया आहर के टूटने से सैकड़ों एकड़ में लगे धान और अन्य फसल बर्बाद हो गए हैं। बुजुर्ग किसानों का कहना है कि उन्होंने ऐसा मंजर पहले कभी नहीं देखा। धान, मकई, टमाटर, मिर्च, धनिया और गोभी की फसलें पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं। व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को लाखों का नुकसान बाढ़ और बारिश का सबसे बड़ा कहर व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर टूटा है, जिससे लगभग 1 करोड़ रुपए से अधिक की क्षति हुई है। गुंजरी गेट में एमएस ट्रेडर्स के मालिक मो. सिराजुल ने बताया कि उनके छड़ और सीमेंट गोदाम में पानी घुसने से उन्हें 15 से 20 लाख रुपए का भारी नुकसान हुआ है। मुर्गी फॉर्म से 3000 से ज्यादा चूजे पानी में बह गए संगीता देवी के मुर्गी फार्म में पानी भरने से 2000 मुर्गियां मर गईं, जिससे 4 से 5 लाख रुपए की क्षति हुई। इसी तरह, सीताराम दांगी के फार्म में 3000 से ज्यादा चूजे पानी में बह गए। बबलू कुशवाहा की ऑनलाइन दुकान और आशीष वर्मा के आरओ प्लांट को भी लाखों का नुकसान हुआ है। गुजरी गेट से लेकर कब्रिस्तान तक कई दुकानें और मकान पहले तल्ले तक डूबे रहे। यहां तक कि एक बोलेरो भी पानी में धंस गया, जिसे क्रेन से निकाला गया। प्रशासनिक कार्रवाई और राहत कार्य जारी बाढ़ की सूचना मिलते ही चतरा डीसी कृतिश्री ने खुद गिद्धौर के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय का जायजा लिया। उन्होंने विद्यालय की वार्डेन को बच्चियों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने का निर्देश दिया। उन्होंने बीडीओ राहुल देव को बारिश थमते ही विद्यालय के चारों ओर सुरक्षा दीवार बनाने का भी निर्देश दिया गया है। सभी प्रखंड के बीडीओ व सीओ राहत बचाव कार्य में निरंतर जुटे हैं: डीसी डीसी कृतिश्री ने इस पूरे मामले पर कहा कि जिला प्रशासन, आपदा प्रबंधन और एनडीआरएफ की टीम के साथ मिलकर लगातार राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई है। बाढ़ से प्रभावित सड़कों और पुलों की मरम्मत जल्द से जल्द कराई जाएगी, ताकि लोगों का आवागमन बहाल हो सके। साथ ही, उन्होंने बिजली विभाग को भी बिजली व्यवस्था बहाल करने के निर्देश दिए हैं। सभी बीडीओ और सीओ को निर्देश दिया है कि वे जान-माल की क्षति का आकलन कर पीड़ितों को आपदा प्रबंधन के तहत आर्थिक सहायता प्रदान करें।
चतरा में बारिश ने मचाई तबाही, तीन की मौत:पांच प्रखंड के कई गांव में घुसा बाढ़ का पानी, सड़कें जलमग्न; सब्जी की खेती हुई बर्बाद
