गंगटा जंगल में घंटों जाम में फंसे कांवरियों की टोली:जमुई-मुंगेर प्रशासन एक-दूसरे पर टाल रहे जिम्मेदारी, आस्था की राह में बाधा बना सिस्टम

गंगटा जंगल में घंटों जाम में फंसे कांवरियों की टोली:जमुई-मुंगेर प्रशासन एक-दूसरे पर टाल रहे जिम्मेदारी, आस्था की राह में बाधा बना सिस्टम
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जमुई में सावन के पवित्र महीने में गंगा जल लेकर कांवरियों की टोली बाबाधाम जा रही है। जमुई के गंगटा जंगल में भारी अव्यवस्था और जाम का सामना करना पड़ रहा है। शनिवार रात 100 से अधिक गाड़ियां घंटों तक जाम में फंसे रहे। स्थिति यह रही कि श्रद्धालुओं को पैदल निकलना भी मुश्किल हो गया। बालू लदे ट्रकों से सड़क पर जाम गंगटा जंगल, जो जमुई और मुंगेर जिलों की सीमा पर स्थित है, सावन में कांवरियों का प्रमुख मार्ग बन जाता है। लेकिन प्रशासनिक लापरवाही और सीमा विवाद के चलते जिम्मेदारी तय नहीं हो पा रही है। बालू लदे ओवरलोड ट्रकों के कारण रोजाना जाम लगता है, जिससे कांवरियों की गाड़ियां भी फंस जाती है। पुलिसकर्मी तैनात, लेकिन नहीं मिली राहत शनिवार को जाम से निजात दिलाने के लिए चार पुलिसकर्मी और एक एसआई को तैनात किया गया था, लेकिन जाम खुलवाने में वे पूरी तरह नाकाम रहे। श्रद्धालु, महिलाएं और बुजुर्ग घंटों जाम में फंसे रहे। आस्था की राह में बाधा बना सिस्टम श्रद्धालुओं का कहना है कि कांवर यात्रा केवल धार्मिक नहीं, बल्कि संकल्प की यात्रा होती है। ऐसे में जाम से उनकी भावना और धैर्य की कड़ी परीक्षा हो रही है। कई लोगों को जल चढ़ाने की तय समय सीमा भी प्रभावित हो रही है। स्थानीयों में नाराजगी, प्रशासनिक उदासीनता उजागर स्थानीय ग्रामीणों और दुकानदारों ने प्रशासन की निष्क्रियता पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई समाधान नहीं निकाला गया। सीमाविवाद के चलते जमुई और मुंगेर प्रशासन एक-दूसरे पर जिम्मेदारी टाल रहे हैं। अलग रूट और स्थायी समाधान की मांग लोगों ने श्रद्धालुओं के लिए वैकल्पिक मार्ग, ट्रैफिक व्यवस्था और ट्रकों पर प्रतिबंध की मांग उठाई है। साथ ही अपील की है कि प्रशासन संवेदनशीलता दिखाते हुए जाम की इस समस्या का स्थायी समाधान निकाले, ताकि कांवरियों की आस्था को ठेस न पहुंचे।


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