देशभर में विश्वकर्मा पूजा धूमधाम से मनाई जा रही है, लेकिन धनबाद-हावड़ा कोलफील्ड एक्सप्रेस में इसका नजारा कुछ अलग ही है। इस ट्रेन में पिछले 40 साल से लगातार विश्वकर्मा पूजा होती आ रही है। खास बात यह है कि यह आयोजन कोई संस्था नहीं, बल्कि रोजाना सफर करने वाले डेली पैसेंजर्स मिलकर करते हैं। यात्री भगवान विश्वकर्मा से अपनी सुरक्षित यात्रा और जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। डेली पैसेंजर्स के लिए ट्रेन बनी जीवन का हिस्सा धनबाद पॉलिटेक्निक कॉलेज के पास रहने वाले विवेक कुमार पिछले 12 वर्षों से कोलफील्ड एक्सप्रेस के डेली पैसेंजर हैं। वे हर सुबह धनबाद से हावड़ा जाकर टेलीफोन एक्सचेंज विभाग में काम करते हैं और शाम को इसी ट्रेन से लौटते हैं। विवेक ने बताया कि इस ट्रेन से एक इमोशन जुड़ा हुआ है। हम रोजाना इसी ट्रेन से आते-जाते हैं और भगवान विश्वकर्मा से यही प्रार्थना करते हैं कि सभी मुसीबतों से रक्षा करें। विवेक की तरह कई अन्य यात्री भी इस ट्रेन को सिर्फ एक साधन नहीं, बल्कि अपने जीवन का साथी मानते हैं। आस्था और विश्वास का है प्रतीक कोलफील्ड एक्सप्रेस में विश्वकर्मा पूजा यात्रियों की आस्था और विश्वास का प्रतीक बन चुकी है। रोजाना सफर करने वाले यात्री इसे अपने जीवन का महत्वपूर्ण अनुष्ठान मानते हैं। उनका मानना है कि इस पूजा से न केवल सुरक्षित यात्रा का आशीर्वाद मिलता है बल्कि जीवन में आने वाली कठिनाइयों से भी भगवान विश्वकर्मा रक्षा करते हैं। पूजा के दौरान यात्री सामूहिक रूप से प्रसाद ग्रहण करते हैं और एक-दूसरे के सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। कोलफील्ड एक्सप्रेस है संघर्ष और सफर की साथी धनबाद-हावड़ा के बीच चलने वाली कोलफील्ड एक्सप्रेस हजारों यात्रियों के लिए जीवन रेखा मानी जाती है। यह ट्रेन सिर्फ एक परिवहन का साधन नहीं, बल्कि रोजाना सफर करने वाले लोगों की संघर्ष यात्रा की गवाह है। डेली पैसेंजर्स मानते हैं कि जिस तरह यह ट्रेन हर दिन उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचाती है, उसी तरह विश्वकर्मा पूजा उनके जीवन में विश्वास और शक्ति का संचार करती है। यही कारण है कि बीते चार दशकों से यह परंपरा लगातार जारी है।
कोलफील्ड एक्सप्रेस में होती है विश्वकर्मा पूजा:धनबाद स्टेशन पर 40 साल से चल रही परंपरा; यात्री ही पूजा करते, सुरक्षित सफर की मांगते दुआ
