एस्ट्रोनॉट शुभांशु दिल्ली पहुंचे, पीएम से मिलेंगे:एयरपोर्ट पर मंत्री जितेंद्र सिंह ने स्वागत किया; लखनऊ में मां बोलीं- बेटे का बेसब्री से इंतजार

एस्ट्रोनॉट शुभांशु दिल्ली पहुंचे, पीएम से मिलेंगे:एयरपोर्ट पर मंत्री जितेंद्र सिंह ने स्वागत किया; लखनऊ में मां बोलीं- बेटे का बेसब्री से इंतजार
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लखनऊ के एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला अमेरिका से भारत आ गए हैं। वे रविवार सुबह दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरे। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह और दिल्ली की CM रेखा गुप्ता ने उनका स्वागत किया। शुभांशु के पिता शंभु दयाल शुक्ला भी साथ थे। शुभांशु आज पीएम मोदी से मिल सकते हैं। इसके बाद बेंगलुरु जाएंगे। 23 अगस्त को इसरो के इंटरनेशनल स्पेस-डे सेलिब्रेशन में शामिल होंगे। 25 अगस्त को अपने घर लखनऊ आ सकते हैं। शुभांशु की मां ने दैनिक भास्कर से कहा- दुनिया के लिए वह भले ही सेलिब्रिटी हो, लेकिन मेरे लिए अब भी नन्हा बेटा है। उसके आने का बेसब्री से इंतजार है। शुभांशु ने 16 अगस्त को टेक्सास के जॉर्ज बुश इंटर कॉन्टिनेंटल एयरपोर्ट (IAH) से भारत के लिए उड़ान भरी थी। उन्होंने इंस्टाग्राम पर पोस्ट करके जानकारी दी थी। लिखा था- यूं ही चला चल राही… जीवन गाड़ी है, समय पहिया। मुझे अपने देश पहुंचने की बेसब्री है। एक्सियम मिशन-4 के तहत 25 जून को शुभांशु शुक्ला सहित चार एस्ट्रोनॉट इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए रवाना हुए थे। 26 जून को भारतीय समयानुसार शाम 4:01 बजे ISS पहुंचे थे। 18 दिन रहने के बाद 15 जुलाई को पृथ्वी पर लौटे थे। कैलिफोर्निया के तट पर लैंडिंग हुई थी। शुभांशु की भारत वापसी की 2 तस्वीरें शुभांशु ने फ्लाइट में बैठने के बाद क्या लिखा था, पढ़िए… भारत वापस आने के लिए विमान में बैठते ही मेरे दिल में कई तरह की भावनाएं उमड़ रही हैं। मुझे उन शानदार लोगों को पीछे छोड़कर जाने का दुख है, जो इस मिशन के दौरान एक साल से मेरे दोस्त और परिवार थे। मैं मिशन के बाद पहली बार अपने दोस्तों, परिवार और देशवासियों से मिलने को लेकर उत्साहित हूं। मुझे लगता है कि जिंदगी यही है… सबकुछ एक साथ। मिशन के दौरान और बाद में सभी से अविश्वसनीय प्यार और समर्थन मिला। मुझे अपने देश पहुंचने की बेसब्री है। मैं आप सभी के साथ अपने अनुभव साझा करने का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं। अलविदा कहना मुश्किल होता है, लेकिन हमें जिंदगी में आगे बढ़ते रहना चाहिए। जैसा कि मेरी कमांडर @astro_peggy (पैगी व्हिटसन) प्यार से कहती हैं- अंतरिक्ष उड़ान में एकमात्र स्थिर चीज बदलाव है। मेरा मानना है कि यह बात जिंदगी पर भी लागू होती है। मुझे लगता है- यूं ही चला चल राही…जीवन गाड़ी है… समय पहिया। मां बोलीं- बेटे को सीने से लगाकर प्यार-दुलार करूंगी
शुभांशु की मां आशा शुक्ला ने दैनिक भास्कर से कहा-वो मेरे लिए पत्नी और बच्चों के साथ अमेरिका से वापस आया है। बेटा 25 अगस्त को लखनऊ पहुंचेगा। एक मां जैसे अपने बच्चे का स्वागत करती है, वैसे ही हम भी उसका स्वागत करेंगे। उसे सीने से लगाकर बहुत सारा प्यार-दुलार करूंगी। ये गर्व का पल है। पूरे देश के लिए ये अद्भुत क्षण है। ऐसे में हर कोई उनसे मिलना चाहता है। अब मेरे अलावा वो पूरे देश का भी बेटा बन चुका है। मुझे पता चला है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली में बेटे से मुलाकात करेंगे, लेकिन अभी आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है। 16 महीने बाद लखनऊ आएंगे शुभांशु
मां आशा शुक्ला ने बताया- अगस्त 2024 में शुभांशु अमेरिका के लिए रवाना हुए थे। इससे 4 महीने पहले यानी अप्रैल में लखनऊ से बेंगलुरु गए थे। तब उनसे भेंट नहीं हुई थी। अब करीब 16 महीने बाद वो लखनऊ आएंगे तो मुलाकात होगी। अमेरिका जाने से पहले ISRO में उनकी कई महीनों की ट्रेनिंग हुई थी। इसके बाद फाइनली अमेरिका गए थे। 18 दिन के अंतरिक्ष मिशन के बाद वे 15 जुलाई को अमेरिका लौटे थे। लखनऊ में तैयारी, सीएम को न्योता भेजा गया
शुभांशु ने जिस लखनऊ के सिटी मॉन्टेसरी स्कूल से पढ़ाई की है, उसके प्रवक्ता ऋषि खन्ना ने बताया कि 25 अगस्त को शुभांशु के स्वागत में एयरपोर्ट से लेकर सीएमएस गोमतीनगर एक्सटेंशन तक रैली निकाली जाएगी। इसके बाद CMS के गोमतीनगर एक्सटेंशन ब्रांच में ही उनका सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा। इसमें सीएम योगी को आमंत्रित किया गया है। इस दौरान उनके परिवार के अन्य सदस्य भी मौजूद रहेंगे। 41 साल बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष में गया अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा और भारतीय एजेंसी इसरो के बीच हुए एग्रीमेंट के तहत भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को एक्सियम मिशन-4 के लिए चुना गया था। शुभांशु इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर जाने वाले पहले और स्पेस में जाने वाले दूसरे भारतीय हैं। इससे 41 साल पहले राकेश शर्मा ने 1984 में सोवियत यूनियन के स्पेसक्राफ्ट से अंतरिक्ष यात्रा की थी। शुभांशु का ये अनुभव भारत के गगनयान मिशन में काम आएगा। ये भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन है, जिसका उद्देश्य भारतीय गगनयात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजना और सुरक्षित रूप से वापस लाना है। इसके 2027 में लॉन्च होने की संभावना है। भारत में एस्ट्रोनॉट को गगनयात्री कहा जाता है। इसी तरह रूस में कॉस्मोनॉट और चीन में ताइकोनॉट कहते हैं। ————————————————- यह खबर भी पढ़िए… एस्ट्रोनॉट शुभांशु बोले- मुझे भारत पहुंचने की बेसब्री, अमेरिका से रवाना हुए, मोदी से मिलेंगे, 25 अगस्त को लखनऊ आ सकते हैं लखनऊ के एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला 1 साल बाद भारत आ रहे हैं। वो अमेरिका से रवाना हो चुके हैं। फ्लाइट में चढ़ने के बाद उन्होंने शनिवार को खुद इसकी जानकारी दी। इंस्टाग्राम पर फोटो शेयर कर लिखा- यूं ही चला चल राही… जीवन गाड़ी है, समय पहिया। मुझे…पूरी खबर पढ़ें


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