उत्तराखंड को हर संभव मदद देंगे मोदी, धामी की मजबूत पहल का रिजल्ट आया सामने

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मानसून में उत्तराखंड बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने जैसी घटनाओं से हर साल प्रभावित होता है और इससे राज्य के विकास और जनजीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। चुनौतियों के बीच भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देशभर में आपदा प्रबंधन का नया मॉडल तैयार किया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार सार्वजनिक मंचों से ‘देवभूमि’ के प्रति अपने विशेष लगाव को जता चुके हैं। केदारनाथ पुनर्निर्माण से लेकर हालिया आपदा तक हर संकट में उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर राहत एवं बचाव कार्यों की निगरानी की और लगातार मुख्यमंत्री धामी से संवाद बनाए रखा। राज्य सरकार को हर संभव मदद देने की उनकी प्रतिबद्धता ने उत्तराखंड को मजबूत सहारा दिया है।

गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उत्तराखंड के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करना था, लेकिन खराब मौसम के कारण वे हवाई सर्वेक्षण नहीं कर सके। उन्होंने जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण योजनाओं की समीक्षा की। इससे पहले उन्होंने जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर ही आपदा प्रभावितों से मुलाकात की। उन्होंने प्रभावितों को भरोसा दिलाया कि केंद्र और राज्य सरकार उनके साथ खड़ी हैं। प्रभावितों को हर संभव सहायता दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि धराली में सबकुछ गंवाने वालों के पुनर्वास में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी, जरूरत पड़ने पर नियमों में भी संशोधन किया जाएगा। बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तराखंड के लिए 1200 करोड़ रुपये की तात्कालिक राहत सहायता की भी घोषणा की। यह पैकेज प्रभावित परिवारों के पुनर्वास में मददगार साबित होगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पहले ही अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीमों को उत्तराखंड भेज चुकी है, जो नुकसान का आंकलन कर रही हैं। उनकी विस्तृत रिपोर्ट के आधार पर आगे की सहायता पर विचार किया जाएगा।

उन्होंने मृतकों के परिजनों को दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि और गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को पचास हजार रुपये की सहायता की घोषणा की। हाल की बाढ़ और भूस्खलन से अनाथ हुए बच्चों को “पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन” योजना के माध्यम से दीर्घकालिक देखभाल और भलाई सुनिश्चित करने की घोषणा भी की गई। उन्होंने एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, राज्य प्रशासन और अन्य सेवा संगठनों के राहत व बचाव प्रयासों की सराहना की।


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