आवारा कुत्तों को हटाने के फैसले के खिलाफ पैदल मार्च:पटना के गांधी मैदान से कारगिल चौक तक निकले लोग, जमकर किया विरोध

आवारा कुत्तों को हटाने के फैसले के खिलाफ पैदल मार्च:पटना के गांधी मैदान से कारगिल चौक तक निकले लोग, जमकर किया विरोध
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दिल्ली एनसीआर से आवारा कुत्तों को हटाने को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के हालिया फैसले के बाद पूरे देश में इसका विरोध तेज हो गया है। इसी क्रम में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बिहार की राजधानी पटना में भी इस फैसले के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन हुआ। “भूरी फाउंडेशन” नामक एक गैर सरकारी संगठन, जो आवारा कुत्तों की देखभाल और संरक्षण के लिए काम करता है, ने इस प्रदर्शन का नेतृत्व किया। संगठन के कार्यकर्ताओं सहित बड़ी संख्या में शहर के सामान्य नागरिक भी इस आंदोलन में शामिल हुए। शुक्रवार को गांधी मैदान में आयोजित इस शांतिपूर्ण प्रदर्शन में 200 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि आवारा कुत्ते समाज का हिस्सा हैं और उन्हें हटाना या उनके जीवन पर किसी प्रकार का खतरा पैदा करना अमानवीय व गलत है। प्रदर्शन के दौरान लोगों ने “आवारा नहीं हमारा हैं”, “कुत्तों को हटाओगे – इंसानियत मिटाओगे”, “वी वांट जस्टिस” जैसे नारे लगाकर विरोध दर्ज कराया। फाउंडेशन की संस्थापक निधि ने कहा कि कोर्ट का फैसला पूरी तरह असंवेदनशील है और यह जानवरों के मौलिक अधिकारों के खिलाफ है। उन्होंने आगे कहा कि आवारा कुत्तों को हटाने की बजाय उनके लिए ठोस प्रबंधन नीति बनाकर उन्हें संरक्षण देने की आवश्यकता है। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि ऐसे फैसलों पर पुनर्विचार हो और जानवरों के प्रति संवेदनशीलता बरती जाए। प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने कहा कि आजादी सिर्फ इंसानों का अधिकार नहीं है बल्कि हर जीव-जंतु को इसका अधिकार है। अगर हम किसी जीव से उसकी जगह छीनते हैं तो यह मानवता के मौलिक सिद्धांतों के भी खिलाफ है। गांधी मैदान में प्रदर्शन के बाद, सैकड़ों की संख्या में इकट्ठे लोगों ने हाथ में तख्तियां लेकर पैदल मार्च किया। यह काफिला गांधी मैदान से निकलकर कारगिल चौक तक गया, जहां सभी ने शहीद स्मारक पर कैंडल जलाकर शांतिपूर्वक अपना विरोध जताया। कार्यक्रम के समापन के दौरान सभी प्रतिभागियों ने जानवरों के अधिकारों की रक्षा के लिए लगातार जन जागरूकता अभियान चलाने का संकल्प लिया। फाउंडेशन ने यह भी घोषणा की कि अगर जल्द ही सरकार और संबंधित एजेंसियों द्वारा इस फैसले के खिलाफ उचित कदम नहीं उठाया गया तो देशव्यापी स्तर पर बड़े आंदोलन की शुरुआत की जाएगी।


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