अरशद मदनी बोले- बेदखली अभियान दुर्भाग्यपूर्ण:सुप्रीम कोर्ट के नियमों का उल्लंघन; असम CM ने कहा- मदनी खुदा नहीं, ज्यादा किया तो जेल भेज दूंगा

अरशद मदनी बोले- बेदखली अभियान दुर्भाग्यपूर्ण:सुप्रीम कोर्ट के नियमों का उल्लंघन; असम CM ने कहा- मदनी खुदा नहीं, ज्यादा किया तो जेल भेज दूंगा
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असम के गोलपाड़ा में हिमंता सरकार द्वारा चलाए जा रहे बेदखली अभियान के बाद जमीयत उलेमा-ए-हिंद के सात सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल पहुंचा। अध्यक्ष अरशद मदनी ने मंगलवार को कहा कि बेदखली अभियान सुप्रीम कोर्ट के निर्धारित नियमों के अनुसार होने चाहिए। मदनी ने कहा- असम सरकार को बेदखली के लिए व्यवस्था के भीतर काम करना चाहिए, न कि इसे नफरती ढंग से करना चाहिए। हालांकि असम CM ने मौलाना मदनी की टिप्पणी का खंडन किया और जरूरत पड़ने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है। सरमा ने कहा- मदनी कौन है, क्या खुदा है। कांग्रेस है तभी मदनी की बहादुरी है। भाजपा के समय में मदनी की बहादुरी का कोई सबूत नहीं है। अगर वह ज्यादा करते हैं, तो मैं मदनी को जेल भेज दूंगा। मुख्यमंत्री मैं हूं, मदनी नहीं। अरशद मदनी बोले- व्यवस्था का उल्लंघन हो रहा, यह निंदनीय मदनी ने मीडिया से कहा, “राज्य में बेदखली अभियान चलाया जा रहा है। मैं कल कई इलाकों में गया। यहां जो किया जा रहा है, उसे देखकर दुख होता है। मुझे बहुत दुख हुआ, खासकर इसलिए क्योंकि समुदाय और देश एक व्यवस्था के तहत बनते हैं। अगर व्यवस्था का उल्लंघन करके कुछ भी किया जाता है, उसे अनदेखा किया जाता है और कुचला जाता है, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण और दर्दनाक हो जाता है। इसकी जितनी निंदा की जाए, उतनी कम है।” सरमा ने कहा था- हर मुस्लिम बांग्लादेश जाए इससे पहले CM सरमा ने कहा था कि जमीयत नेता अगर राज्य में आकर कुछ करते हैं तो उनको गिरफ्तार कर बांग्लादेश भेजा जाएगा। इस पर मदनी ने कहा, “मैं कल से उनके राज्य में हूं। वे कह रहे हैं कि हर मुसलमान को बांग्लादेश भेज दिया जाना चाहिए। इसलिए जो लोग इस देश में नफरत फैला रहे हैं उन्हें पाकिस्तान चले जाना चाहिए।” उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा- “नफरती चिंटुओं को पाकिस्तान चले जाना चाहिए। उन्हें इस खूबसूरत देश में, जहां सौहार्द और प्राचीन सभ्यता है, क्यों रहना चाहिए? हम ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करके सबसे पुरानी और महान सभ्यता नहीं बन गए।” असम सीएम ने कहा- जमीन पर कब्जा करने वालों का हश्र देख लें मुख्यमंत्री सरमा ने बेदखली अभियान के बाद मदनी के दौरे को लेकर कहा कि हमने उन्हें जाने की परमिशन दी है, ताकि वे देख सकें कि कोई जमीन पर अतिक्रमण करता है तो क्या होता है। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि बाहरी लोग जमीन के मुद्दों पर ग्रामीणों को गुमराह कर रहे हैं। वे आने से पहले खबर भी नहीं करते और बाद में भाजपा पर दोष मढ़ देते हैं। लेकिन भाजपा किसी से नहीं डरती। इधर, मदनी ने सरमा की बात के जवाब में कहा था कि जमीयत उलमा-ए-हिंद अतिक्रमण हटाने का विरोध नहीं करती है, लेकिन वह अन्याय और क्रूरता के खिलाफ है। सरकार को सड़कों के चौड़ीकरण जैसे कामों के लिए जमीन की जरूरत होती है, लेकिन सभी बेदखली सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार होनी चाहिए।


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