अरवल विधायक महानंद सिंह ने जेल से रिहा होने के बाद गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें 24 साल पुराने एक मामले में बिना किसी नोटिस या सूचना के झूठे मुकदमे में फंसाकर जेल भेजा गया। सिंह ने बताया कि इस मामले में उन्हें भगोड़ा साबित कर उनकी मान-प्रतिष्ठा का हनन किया गया। उनका आरोप है कि सत्ता पक्ष की मंशा थी कि इस केस के नाम पर उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव से पहले जेल भेजा जाए। इससे अरवल विधानसभा में सत्ता पक्ष का रास्ता साफ हो जाता। विधायक ने कहा कि वे जेल जाने से डरने वाले नहीं हैं। वे जनता की मांगों के लिए पूरे जीवन आंदोलन करते आए हैं और आगे भी करेंगे। उन्होंने बताया कि न्यायालय का सम्मान करते हुए वे 4 अगस्त को न्यायालय के सामने प्रस्तुत हुए थे। इसके बाद उन्हें दो दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में जाना पड़ा था। सिंह ने सवाल उठाया कि उन्हें किस नियम के तहत भगोड़ा साबित किया गया। वे 2009, 2010, 2015 और 2020 में अरवल विधानसभा से नामांकन कर चुनाव लड़ चुके हैं। 2020 से लगातार जिला प्रशासन की बैठकों और विधानसभा में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। उन्होंने अपने आप को जमीनी नेता बताते हुए कहा कि वे हमेशा जनता के बीच रहकर उनकी मांगों के लिए आंदोलन करते रहते हैं। विधायक ने कहा कि उनके साथ हुए अन्याय का बदला आगामी विधानसभा चुनाव में जनता लेगी।
अरवल विधायक महानंद सिंह का आरोप:24 साल पुराने केस के झूठे मुकदमे में फंसाकर जेल भेजा गया, सत्ता पक्ष की साजिश
